अभी एक सूचना आयी है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने दो पाकिस्तानी फाइटर जेट F-16 को मार गिराया है। ये घटनाएं जम्मू-कश्मीर के अखनूर और राजस्थान के जैसलमेर में हुईं, जहां दोनों पाकिस्तानी पायलटों को जिंदा पकड़ा गया है। यह भारत के लिए एक अहम खुफिया उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इन पायलटों से पाकिस्तान की सैन्य रणनीति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। लेकिन इस तरह की किसी सूचना की प्रामाणिक नहीं माना जा सकता जब तक ऑफिसियल घोषणा ना की जाए।
बताया जा रहा है कि दोनों पायलटों ने क्रैश से पहले खुद को इजेक्ट कर लिया था और भारतीय क्षेत्र में उतरते ही उन्हें सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया। दोनों की पहचान फिलहाल गोपनीय रखी गई है। इस तरह की गिरफ्तारी न केवल सैन्य दृष्टिकोण से, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी भारत के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। जहाँ भारत ने पहले ही पाकिस्तान के हमलों को कमजोर कर दिया।
UPDATE: कुछ मिडिया चैनलों ने ये फेक खबर चलायी थी।
इस घटना के बाद भारत में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी कर दी गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और आकाश में निगरानी बढ़ा दी गई है। ऊपर से भारत के 15 शहरों को निशाना बना कर पाकिस्तान ने भारत के क्रोध को भड़का दिया जिसकी वजह से भारत का रवैया आक्रामक हो गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका की अपील
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र अमेरिका ने स्थिति को शांत करने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अलग-अलग बातचीत की। खबर आ रही है कि बलूचिस्तान की कुछ चौकियों पर बलूचों ने कब्जा कर लिया है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा,
“दोनों देशों के बीच तत्काल तनाव कम करना बेहद जरूरी है। विदेश मंत्री ने दोनों पक्षों से सीधी बातचीत और हिंसा को समाप्त करने का आग्रह किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच खुला संवाद चाहता है और दोनों देशों के बीच संचार बनाए रखने के प्रयासों को समर्थन देगा।
आतंकवाद पर अमेरिका का रुख
जब अमेरिका से पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों को समर्थन देने के भारत के आरोपों से सहमत है, तो टैमी ब्रूस ने स्पष्ट रूप से कोई पक्ष नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह अवश्य कहा कि अमेरिका दशकों से इस विषय पर चिंता जताता रहा है।
उन्होंने कहा:
“दुनिया भर में हमने देखा है कि आतंकवाद ने किस तरह लोगों के जीवन को तबाह किया है। कश्मीर में जो हुआ, वह बेहद दुखद है और अमेरिका इसकी निंदा करता है।”
उनकी यह टिप्पणी यह संकेत देती है कि अमेरिका इस समय किसी भी एक पक्ष को दोषी ठहराने से बच रहा है, लेकिन वह यह मानता है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जिससे सख्ती से निपटना जरूरी है।

भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद वैश्विक चिंता
भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था, के बाद दोनों देशों के बीच तनाव तेजी से बढ़ा है। इसी क्रम में पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की, जो विफल रही।
अब जबकि दोनों देश युद्ध जैसे हालात की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों से संयम बरतने और संवाद का रास्ता अपनाने की अपील कर रहे हैं। वहीं भारत के शक्तिशाली हमले के बिच में बलूचों ने भी अपना हमला तेज कर दिया है। जो पहले से पाकिस्तान की सरकार के साथ संघर्ष कर रहे हैं।