2400 MW Powerplant in Bihar- बिहार के बिजली क्षेत्र में एक नया इतिहास बनने जा रहा है। भागलपुर जिले के पिरपैंती में 2400 मेगावाट की क्षमता वाला थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के लिए देश की चार प्रमुख निजी कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इस परियोजना में कुल 28,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का निवेश होगा।

2400 MW Powerplant in Bihar बिहार के पिरपैंती में लगने जा रहा 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट, चार निजी कंपनियों ने दिखाई रुचि
कौन-कौन हैं इच्छुक कंपनियां?
चार कंपनियों ने इस महत्त्वपूर्ण परियोजना में भाग लेने की इच्छा जताई है:
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अडानी पावर लिमिटेड
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जेएसडब्ल्यू एनर्जी लिमिटेड
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टोरेन्ट पावर लिमिटेड
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ललितपुर पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (बजाज समूह की सहायक कंपनी)
इन सभी कंपनियों ने बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL), पटना द्वारा आमंत्रित ई-बिडिंग प्रक्रिया के तहत आवेदन प्रस्तुत किए हैं।
परियोजना का स्वरूप और प्रगति (2400 MW Powerplant in Bihar)
इस पावर प्लांट के अंतर्गत तीन यूनिट्स लगाई जाएंगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट होगी। ये यूनिट्स कुल 1200 एकड़ जमीन पर स्थापित की जाएंगी, जिसकी अधिग्रहण प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है।
राज्य सरकार ने इस परियोजना को 4 फरवरी, 2025 को कैबिनेट बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की थी। साथ ही, परामर्श सेवा के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, मुंबई को नामित किया गया है।
बोली और कार्यान्वयन प्रक्रिया (2400 MW Powerplant in Bihar)
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ई-बिडिंग की अंतिम तिथि 25 जून, 2025 थी।
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2 जुलाई से कंपनियों से विस्तृत प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
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तकनीकी और वित्तीय बोलियों की प्रक्रिया 11 जुलाई को पूरी होगी।
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विजेता कंपनी को 30 दिनों के भीतर लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) जारी किया जाएगा।
कोयला और जल आपूर्ति की योजना (2400 MW Powerplant in Bihar)
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परियोजना को पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) से 10.43 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयले की आपूर्ति की जाएगी।
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जल स्रोत के रूप में गंगा नदी से 60 क्यूसेक पानी लिए जाने की संभावना है, जिसकी मंजूरी राज्य सरकार से मिलनी बाकी है।
राज्य की विद्युत व्यवस्था को मिलेगा बल
यह पावर प्लांट साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को प्राथमिकता के आधार पर बिजली आपूर्ति करेगा। यदि बिजली अधिशेष में रहती है, तो उसे खुले बाजार में अन्य खरीदारों को बेचा जा सकेगा।
इस परियोजना से राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बड़ा बल मिलेगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सकेगी, जिससे औद्योगिक विकास, कृषि उत्पादन और रोजगार सृजन को भी गति मिलेगी।
निष्कर्ष (2400 MW Powerplant in Bihar)
बिहार सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट है कि राज्य अब निवेशकों के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में एक उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। पिरपैंती परियोजना केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि यह बिहार की आर्थिक और औद्योगिक रीढ़ को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।