FSB Document News – रूस और चीन की दोस्ती को लेकर दुनियाभर में लंबे समय से चर्चा होती रही है। खासकर यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने जब पश्चिमी देशों से दूरी बनाई, तब चीन को अपना सबसे करीबी रणनीतिक साझेदार घोषित किया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अक्सर इसे “बिना सीमा की दोस्ती” कहते हैं। लेकिन अब इसी दोस्ती की असलियत पर रूस की ही खुफिया एजेंसी एफएसबी (FSB) ने बड़ा सवाल खड़ा किया है।

पुतिन को पीठ पीछे धोखा! चीन बना रूस की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा
एफएसबी का सनसनीखेज खुलासा
FSB Document News –रूसी आंतरिक सुरक्षा एजेंसी एफएसबी की एक लीक हुई गोपनीय रिपोर्ट में चीन को रूस के लिए खतरा बताया गया है। आठ पन्नों के इस दस्तावेज़ में चीन पर रूस की सैन्य तकनीक चुराने, वैज्ञानिकों को बहलाने और आर्कटिक अभियान में जासूसी करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन रूस के भीतर असंतुष्ट वैज्ञानिकों को पैसे या अन्य लालच देकर संवेदनशील जानकारियां हासिल करने की कोशिश कर रहा है।
चीन की दोहरी चाल
FSB Document News –दस्तावेज़ में एफएसबी ने यह चेतावनी दी है कि चीन अपनी कथित दोस्ती की आड़ में रूस के खिलाफ जासूसी कर रहा है। वह रूसी सैन्य अभियानों पर नजर रख रहा है, खासकर यूक्रेन में चल रही गतिविधियों पर। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, चीन पश्चिमी सैन्य रणनीतियों और हथियारों की ताकत को समझने के लिए रूसी सेना की गतिविधियों पर गुप्त नजर बनाए हुए है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि चीन के शिक्षाविद रूस के कुछ क्षेत्रों पर दावा करने के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तर्क तैयार कर रहे हैं। ये गतिविधियां चीन की “धीरे-धीरे दबाव डालो” रणनीति की ओर इशारा करती हैं।
आर्कटिक पर नजर
FSB Document News – रूस के लिए आर्कटिक क्षेत्र सामरिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। खनिज संसाधनों और समुद्री मार्गों की संभावनाओं के चलते यह क्षेत्र महाशक्तियों के लिए खास बन चुका है। एफएसबी ने चेतावनी दी है कि चीन वहां मौजूद खनन कंपनियों और विश्वविद्यालय अनुसंधान केंद्रों के ज़रिए जासूसी कर रहा है।
एफएसबी के दस्तावेज़ में यह भी साफ किया गया है कि चीन की खुफिया गतिविधियों को रोकना अब उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लिए नए निगरानी उपाय और साइबर सिक्योरिटी प्लान बनाए जा रहे हैं।
रूस-चीन संबंधों में दरार?
FSB Document News – हालांकि सार्वजनिक रूप से रूस और चीन के शीर्ष नेता एक-दूसरे के प्रति समर्थन जताते रहे हैं, लेकिन एफएसबी का यह लीक हुआ दस्तावेज़ दोनों देशों के रिश्तों की हकीकत को उजागर करता है। यह दस्तावेज़ न केवल चीन की दोहरी नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि रणनीतिक साझेदारी की आड़ में भी जियोपॉलिटिक्स में किसी पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष FSB Document News
रूस और चीन की दोस्ती अब एक बार फिर सवालों के घेरे में है। जहां पुतिन दोस्ती के रिश्ते को मज़बूत बताने में जुटे हैं, वहीं उनकी ही खुफिया एजेंसी चीन को दुश्मन मान रही है। यह स्थिति रूस की सुरक्षा रणनीति के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह खुलासा रूस-चीन संबंधों को प्रभावित करता है या दोनों देश इस मुद्दे को पर्दे के पीछे हल करने की कोशिश करेंगे।