समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने न केवल भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार, बेईमानी और लूट की सरकार बताया, बल्कि ‘अग्निवीर योजना’ को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया। अखिलेश यादव ने इस योजना को तुरंत रद्द करने की मांग की है।

अग्निवीर योजना पर भड़के अखिलेश यादव, बोले- नौजवानों के भविष्य से किया गया खिलवाड़
भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप
लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को हुई प्रेस वार्ता में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूरे देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दे दिया है। उनका कहना है कि अब जनता भाजपा के झूठ को पहचान चुकी है और वह इन झूठे वादों में नहीं आने वाली।
उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में भूमाफिया बेलगाम हो चुके हैं, और भाजपा के नेता व अधिकारी मिलकर गरीबों और किसानों की जमीनों पर कब्जा करवा रहे हैं। सरकारी जमीनें तक सुरक्षित नहीं रहीं। उन्होंने कहा कि हर जिले में गरीब वर्ग पीड़ित है, लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि उनकी सुनवाई नहीं करता।
अग्निवीर योजना को बताया युवाओं के साथ धोखा
अग्निवीर योजना को लेकर अखिलेश यादव का रुख बेहद सख्त रहा। उन्होंने कहा कि इस योजना ने युवाओं को स्थायी सेना की नौकरी के अवसर से वंचित कर दिया है। यह योजना न केवल सुरक्षा बलों की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के करोड़ों युवाओं के भविष्य को भी असुरक्षित कर रही है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि अग्निवीर योजना को तुरंत खत्म किया जाए, और पारंपरिक सैन्य भर्ती प्रक्रिया को फिर से लागू किया जाए ताकि युवा स्थायी रोजगार और भविष्य की सुरक्षा प्राप्त कर सकें।
निवेश और विकास पर भी उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने प्रदेश में विकास और निवेश के सरकारी दावों को भी खोखला बताया। उनका कहना है कि भाजपा सरकार सिर्फ कागजों पर विकास कर रही है। उन्होंने इन्वेस्टमेंट समिट्स पर तंज कसते हुए कहा कि बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती हैं, लेकिन जमीन पर निवेश दिखाई नहीं देता।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई उद्योगपति यूपी में निवेश करने से इसलिए हिचकते हैं, क्योंकि अधिकारियों और भाजपा से जुड़े एजेंटों द्वारा पहले ही कमीशन की मांग की जाती है। यही वजह है कि प्रदेश में आर्थिक विकास ठप पड़ा है।
भ्रष्टाचार बना विकास में सबसे बड़ी बाधा
अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा राज में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चुका है कि सरकारी टेंडर तक रद्द होने लगे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद कई स्थानों पर पुराने टेंडर रद्द कर दिए जाते हैं, जिससे विकास कार्यों में बाधा आती है।
उन्होंने कहा, “जब तक यह भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, यूपी का विकास अधूरा रहेगा।” जनता अब एक ऐसी सरकार की अपेक्षा कर रही है जो ईमानदारी से कार्य करे और सभी वर्गों को समान रूप से लाभ दे।
सपा की लगातार मुखर भूमिका
गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद से समाजवादी पार्टी लगातार योगी सरकार पर हमलावर रही है। पार्टी ने न केवल कानून-व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आवाज उठाई, बल्कि अग्निवीर योजना पर भी शुरू से ही विरोध जताया है।
समाजवादी पार्टी का मानना है कि यह योजना युवाओं के साथ धोखा है, जो उनके भविष्य की सुरक्षा, स्थायित्व और देश सेवा की भावना को प्रभावित करती है। सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अब वक्त है कि जनता भाजपा के झूठ और भ्रष्ट शासन को नकारे और एक नई, पारदर्शी और ईमानदार सरकार चुने।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव के इस बयान से साफ है कि अग्निवीर योजना और भाजपा की नीतियों को लेकर विपक्ष का आक्रोश दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जहां भाजपा इसे देश की रक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक प्रयास मानती है, वहीं समाजवादी पार्टी जैसे दल इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हैं।
जनता को अब तय करना है कि वह किस नीति के साथ खड़ी होती है — स्थायित्व और सुरक्षा की पारंपरिक नीति, या नई प्रणाली जिसमें निश्चित भविष्य की कोई गारंटी नहीं।