
Can AI Replace iPhone
Can AI Replace iPhone: क्या iPhone का भविष्य अब खतरे में है? Apple के वरिष्ठ अधिकारी एडी क्यू (Eddy Cue) के हालिया बयान ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में हलचल मचा दी है। अमेरिका में गूगल के खिलाफ चल रहे एंटीट्रस्ट मामले में गवाही देते हुए क्यू ने संकेत दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने वाले वर्षों में इतनी प्रगति कर सकता है कि iPhone जैसे डिवाइस की जरूरत ही न रह जाए।

Can AI Replace iPhone
उन्होंने इस बदलाव को एक बड़ी “तकनीकी क्रांति” करार दिया और कहा कि Apple तेल या टूथपेस्ट जैसी चीजें नहीं बनाता, जो हमेशा एक जैसी रहती हैं। उनका मानना है कि भविष्य में iPhone को भी हम उसी तरह अलविदा कह सकते हैं जैसे iPod को कहा गया था। iPod, जो एक समय में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला म्यूजिक डिवाइस था, अब इतिहास बन चुका है।
क्यू ने आगे कहा कि iPhone आज भले ही Apple की सबसे बड़ी कमाई का स्रोत हो, लेकिन AI जैसी उभरती तकनीकें बहुत जल्दी गेम चेंजर साबित हो सकती हैं। टेक्नोलॉजी के इस नए युग में वो कंपनियां भी पीछे छूट सकती हैं जो आज टॉप पर हैं।
उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जब वे सिलिकॉन वैली आए थे, तब HP और Sun Microsystems जैसी कंपनियां शीर्ष पर थीं। लेकिन आज या तो ये कंपनियां खत्म हो चुकी हैं या बहुत छोटे पैमाने पर सिमट गई हैं। यह बताता है कि तकनीक की दुनिया में स्थायित्व की कोई गारंटी नहीं है।
Can AI Replace iPhone
गूगल के साथ Apple की अरबों डॉलर की सर्च डील पर भी उन्होंने महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भले ही फिलहाल Google सबसे बेहतर सर्च इंजन हो, लेकिन AI आधारित नए टूल्स भविष्य में इसकी बादशाहत को चुनौती दे सकते हैं। Microsoft Bing और DuckDuckGo जैसी मौजूदा कंपनियां फिलहाल गूगल को टक्कर नहीं दे पा रहीं, लेकिन AI से लैस नए स्टार्टअप्स एक अलग सोच के साथ आ रहे हैं जो भविष्य में बड़ा खतरा बन सकते हैं।
क्यू ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि Safari ब्राउज़र पर सर्च ट्रैफिक में गिरावट आई है, क्योंकि अब यूजर्स AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है, जो दिखाता है कि लोग अब सीधे सवालों के जवाब AI से चाहते हैं, न कि सर्च इंजनों से। ये सवाल हम सबके दिमाग में आता है कि Can AI Replace iPhone?
अगर भविष्य में Apple और Google के बीच की सर्च डील खत्म होती है, तो इसका सीधा वित्तीय नुकसान Apple को झेलना पड़ सकता है। Cue ने कहा कि अगर अदालत गूगल को दोषी ठहराती है, तो भी नुकसान Apple को होगा क्योंकि डील से होने वाली आय बंद हो जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोग डील न होने पर भी शायद गूगल को ही चुनेंगे क्योंकि फिलहाल वही सबसे अच्छा विकल्प है।
कुल मिलाकर, Cue का बयान इस ओर इशारा करता है कि AI अब कोई कल्पना नहीं बल्कि एक ठोस हकीकत बन चुका है। यदि यह इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा, तो 2035 तक हम ऐसी दुनिया में रह सकते हैं जहां iPhone जैसे डिवाइस की कोई ज़रूरत ही न बचे। यह हमें याद दिलाता है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में कोई भी चीज़ स्थायी नहीं होती और बदलाव ही एकमात्र स्थायी सच्चाई है।