भारत सरकार ने पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सच को वैश्विक मंचों पर रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों और वरिष्ठ राजनयिकों को मिलाकर आठ प्रतिनिधिमंडल गठित कर रही है, जो अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, खाड़ी देशों और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की यात्रा करेंगे। इनका मकसद है: अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराना और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना।

भारत की वैश्विक कूटनीति: पहलगाम हमले पर आठ सांसदीय प्रतिनिधिमंडल विदेश रवाना
इन प्रतिनिधिमंडलों में हर समूह में कम से कम पांच सांसद होंगे, जिनके साथ एक वरिष्ठ राजनयिक भी होगा। ये टीमें 21-22 मई को रवाना होंगी और वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगी। पूर्व विदेश सचिव एच.वी. श्रृंगला, फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत जावेद अशरफ, मोहन कुमार और जापान में पूर्व राजदूत सुजान चिनॉय जैसे अनुभवी राजनयिक इन टीमों का हिस्सा होंगे।
मुख्य नेता और उनके क्षेत्र
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सलमान खुर्शीद (कांग्रेस) दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों में भारत का पक्ष रखेंगे।
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सुप्रिया सुले (एनसीपी), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), अनुराग ठाकुर, राजीव प्रताप रूडी, तेजस्वी सूर्या और मनीष तिवारी जैसे नेता अलग-अलग समूहों का नेतृत्व कर रहे हैं।
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असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM) भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे।
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कनिमोझी (DMK) रूस जाने वाली टीम की अगुवाई करेंगी। उनके साथ प्रेमचंद गुप्ता (RJD) होंगे।
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शशि थरूर (कांग्रेस) अमेरिका दौरे पर भारत का पक्ष रखेंगे।
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गुलाम नबी आजाद ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रुसेल्स में नेतृत्व करेंगे।
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अन्य महत्वपूर्ण नामों में जय पांडा (BJP), सस्मित पात्रा (BJD), लावु श्री कृष्णदेवराय (TDP) और राजीव कुमार राय (SP) भी शामिल हैं।
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आर.एस. प्रसाद (BJP) खाड़ी देशों, खासकर सऊदी अरब की यात्रा करेंगे।
सरकार का मकसद और रणनीति
सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया जाए कि पहलगाम में क्या हुआ था और “ऑपरेशन सिंदूर” का असली उद्देश्य क्या है। यह दिखाया जाएगा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कितनी गंभीरता से काम कर रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पहल सभी दलों को शामिल करके की जा रही है, जिससे यह संदेश भी दिया जाएगा कि भारत में इस मुद्दे पर राजनीतिक एकता है।
विपक्ष की भागीदारी और सहमति
इस योजना में सरकार ने विपक्षी दलों को भी आमंत्रित किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन करके कांग्रेस की भागीदारी का अनुरोध किया। कांग्रेस ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और घोषणा की कि राष्ट्रीय हित में वह इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा बनेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय हित में खड़ी रही है। भाजपा की तरह हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करते। इसलिए कांग्रेस इस पहल में भाग लेगी।”
यह कोई पहली बार नहीं है जब सरकार और विपक्ष साथ आए हों। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में, अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
निष्कर्ष
भारत सरकार का यह कदम एक रणनीतिक कूटनीतिक प्रयास है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति स्पष्ट की जाएगी और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया जाएगा। बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर भारत यह संदेश दे रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश पूरी तरह एकजुट है।
सांसदों और राजनयिकों के नाम | पार्टी |
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शशि थरूर | कांग्रेस |
मनीष तिवारी | कांग्रेस |
सलमान खुर्शीद | कांग्रेस |
अमर सिंह | कांग्रेस |
गुलाम नबी आजाद | डीपीएपी (DPAP) |
जॉन ब्रिटास | सीपीआई (एम) |
असदुद्दीन ओवैसी | एआईएमआईएम (AIMIM) |
प्रियंका चतुर्वेदी | उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना) |
सुप्रिया सुले | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) |
श्रीकांत शिंदे | शिवसेना |
राजीव प्रताप रूड़ी | भाजपा |
अनुराग ठाकुर | भाजपा |
बृजलाल | भाजपा |
तेजस्वी सूर्या | भाजपा |
कनिमोझी | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) |
संजय झा | जनता दल (यूनाइटेड) |
हर्ष वी. श्रृंगला | राजनयिक (सांसद नहीं) |
जावेद अशरफ | राजनयिक (सांसद नहीं) |
मोहन कुमार | राजनयिक (सांसद नहीं) |
सुजन चिनॉय | राजनयिक (सांसद नहीं) |
समाजवादी सांसद संजय झा | समाजवादी पार्टी |
प्रेमचंद गुप्ता | राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) |
लवु श्री कृष्णदेवरायालु | तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) |
जय पांडा | भाजपा |
राकेश सिन्हा | भाजपा |
सुदीप बंद्योपाध्याय | तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) |
रवि शंकर प्रसाद | भाजपा |
Source: Times News Network