छोटे बच्चों का रोना अक्सर माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाता है। आमतौर पर लोग मान लेते हैं कि बच्चा अगर रो रहा है तो निश्चित रूप से उसे भूख लगी होगी। ऐसे में वे बिना कुछ सोचे-समझे उसे दूध या बॉटल दे देते हैं। लेकिन क्या हर बार बच्चे का रोना सिर्फ भूख की वजह से होता है? विशेषज्ञों का मानना है कि नवजात और छोटे बच्चों के रोने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। यदि हर बार रोने पर उन्हें दूध पिलाया जाए, तो यह उनकी सेहत और आदतों पर गलत असर डाल सकता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम यह समझें कि बच्चा क्यों रो रहा है ताकि उसकी सही जरूरत को पहचाना जा सके।

1. थकावट की वजह से रोना
अगर बच्चा लंबे समय से जागा हुआ है, तो वह थकावट के कारण चिड़चिड़ा हो सकता है। ऐसे में वह दूध नहीं बल्कि नींद चाहता है। कुछ बच्चे थकने पर शांत नहीं हो पाते और रोना शुरू कर देते हैं। ऐसे समय पर उन्हें गोद में लेकर या हिलाकर सुलाने की कोशिश करें।
2. गीला डायपर या स्किन पर दिक्कत
अगर बच्चे का डायपर गीला है या उसकी त्वचा पर रैशेज या खुजली है, तो उसे बेचैनी महसूस होती है। यह असहजता भी बच्चे के रोने का कारण बन सकती है। ऐसे में डायपर चेक करें और साफ-सफाई पर ध्यान दें। साथ ही स्किन की देखभाल के लिए माइल्ड बेबी क्रीम या डॉक्टर की सलाह अनुसार कोई मरहम लगाएं।
3. गैस या पेट दर्द
छोटे बच्चों के पेट में गैस बनना बहुत सामान्य बात है। इससे उन्हें पेट दर्द हो सकता है, जिसकी वजह से वे रोते रहते हैं और दूध पीने से भी इनकार कर सकते हैं। हल्की मालिश या गैस के लिए डॉक्टर की बताई गई दवा से राहत मिल सकती है।
4. स्नेह की ज़रूरत
शिशु कई बार सिर्फ अपने माता-पिता की गोद या स्पर्श से ही संतुष्ट हो जाते हैं। उन्हें सुरक्षा और अपनापन चाहिए होता है। ऐसे में अगर बच्चा रो रहा है, तो यह भी हो सकता है कि वह सिर्फ आपके पास आना चाहता हो। ऐसे में दूध देने के बजाय उसे प्यार से गोद में लें।
5. तापमान से असहजता
छोटे बच्चे तापमान के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। अत्यधिक गर्मी या ठंडक उन्हें परेशान कर सकती है। अगर बच्चा अचानक रोने लगे तो कमरे का तापमान जांचें। उसे आरामदायक कपड़े पहनाएं और तापमान को संतुलित रखें।
6. ओवरफीडिंग की परेशानी
हर बार रोने पर दूध पिलाना बच्चे को ओवरफीडिंग की ओर ले जा सकता है। इससे उसे उल्टी, गैस या पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए रोने की असली वजह समझना जरूरी है। धीरे-धीरे आप अपने बच्चे की बॉडी लैंग्वेज और इशारों को समझना सीख जाएंगे और जान पाएंगे कि वह भूखा है या किसी और कारण से परेशान है।
निष्कर्ष:
हर बार रोने को भूख से जोड़ना सही नहीं है। बच्चे के रोने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं – थकावट, गीला डायपर, पेट की तकलीफ, तापमान में बदलाव या सिर्फ आपकी गोद की जरूरत। अगर आप इन संकेतों को पहचानने लगें, तो बच्चे की सही देखभाल आसान हो जाएगी और अनावश्यक दूध पिलाने से भी बचा जा सकेगा।