China collect record $22 billion BRI debt: 2025 में चीन पहली बार उन 75 विकासशील देशों से लगभग $22 अरब डॉलर की ऋण वसूली करेगा, जिन्हें उसने अपनी महत्वाकांक्षी “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI)” के तहत कर्ज दिए थे। ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक “लोवी इंस्टीट्यूट” की रिपोर्ट के अनुसार, यह अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक वसूली होगी।

चीन की ऋण वसूली नीति पर 2025 में गहराता संकट
चीन बना सबसे बड़ा कर्ज वसूलकर्ता, क्या गिर जाएगी वैश्विक छवि?
China collect record $22 billion BRI debt: BRI के तहत 2012 से 2018 के बीच चीन ने बड़ी मात्रा में निवेश किया, लेकिन अब इन ऋणों की छूट अवधि समाप्त हो रही है। इससे पहले चीन को एक पूंजी प्रदाता माना जाता था, पर अब वह मुख्य कर्ज वसूलकर्ता बन गया है।
कर्ज चुकाने की बढ़ती चुनौतियाँ
China collect record $22 billion BRI debt: रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में अधिकांश गरीब और आर्थिक रूप से असुरक्षित हैं, जिनके लिए कर्ज चुकाना आसान नहीं होगा। श्रीलंका, म्यांमार, पाकिस्तान और मंगोलिया जैसे कई देशों की स्थिति पहले ही तनावपूर्ण है। विशेष रूप से पाकिस्तान पर चीन का $29 अरब डॉलर का कर्ज है, जो कुल बाहरी कर्ज का लगभग 22% है। 2025 में पाकिस्तान को $22 से $30 अरब डॉलर तक का कर्ज चुकाना या पुनः अनुसूचित करना होगा।
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क्या गिरेगी चीन की विकासशील देशों में साख?
विशेषज्ञों का मानना है कि कर्ज चुकाने का यह दबाव चीन की उस छवि को प्रभावित कर सकता है जो उसने एक विकास भागीदार के रूप में बनाई है। श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह का 99 साल के पट्टे पर अधिग्रहण चीन की “कर्ज जाल” रणनीति का प्रतीक बन गया है।
China collect record $22 billion BRI debt: दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, यह बदलाव चीन की वैश्विक छवि पर राजनयिक दबाव और आलोचनाओं को बढ़ा सकता है।
चीन की सफाई और बदलती रणनीति
27 मई 2025 को चीन के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को “झूठा प्रचार” करार दिया। प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन का निवेश वैश्विक नियमों और ऋण सततता सिद्धांतों के अनुसार है। उन्होंने कहा कि प्रमुख बहुपक्षीय संस्थाएं भी विकासशील देशों की बड़ी कर्जदाता हैं।
चीन ने अब अपने BRI निवेश को बड़े परियोजनाओं से हटाकर “छोटे लेकिन सुंदर” प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित करना शुरू किया है। यह कदम उसकी घरेलू आर्थिक मंदी और बढ़ते कर्ज जोखिम को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
सारणी: 2025 में चीन के प्रमुख कर्जदार देश और बकाया कर्ज
देश का नाम | अनुमानित बकाया कर्ज (अरब डॉलर में) | स्थिति |
---|---|---|
पाकिस्तान | 29 | उच्च कर्ज भार, कर्ज पुनःनिर्धारण आवश्यक |
श्रीलंका | 7.4 | हंबनटोटा बंदरगाह का चीन अधिग्रहण |
म्यांमार | 6.2 | सीमावर्ती देश, रणनीतिक दृष्टि से अहम |
मंगोलिया | 5.8 | संसाधन-समृद्ध, चीन पर निर्भर |
ताजिकिस्तान | 3.1 | सीमित भुगतान क्षमता |
निष्कर्ष (China collect record $22 billion BRI debt)
चीन का विकासशील देशों के प्रति रवैया अब पूंजी निवेशक से बदलकर वसूलीकर्ता की भूमिका में आ गया है। इस परिवर्तन से न केवल इन देशों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि चीन की वैश्विक रणनीतिक छवि भी दांव पर है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन कर्ज राहत और पुनर्निर्धारण के दबाव के बीच कैसे संतुलन बनाता है।