China South Korea Relation – चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार, 10 जून 2025 को दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्योंग से फोन पर बातचीत की। यह वार्ता ली के सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं की पहली बातचीत थी। इस दौरान शी ने दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान, मैत्रीपूर्ण पड़ोसी संबंधों और वैश्विक व क्षेत्रीय सप्लाई चेन को सुरक्षित रखने की अपील की।

शी जिनपिंग ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से की पहली बातचीत, कहा- ‘सही दिशा’ में आगे बढ़ें संबंध
China South Korea Relation चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार, शी जिनपिंग ने इस फोन कॉल में कहा कि चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों का स्वस्थ, स्थिर और लगातार गहरा होना केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया और विश्व की शांति और स्थिरता के लिए लाभकारी है।
संबंधों में नई शुरुआत की उम्मीद
China South Korea Relation शी ने राष्ट्रपति ली से कहा, “यह ज़रूरी है कि हम एक-दूसरे के मुख्य हितों और महत्वपूर्ण चिंताओं का सम्मान करें, द्विपक्षीय संबंधों की दिशा को दृढ़ता से थामें और सुनिश्चित करें कि संबंध हमेशा सही मार्ग पर आगे बढ़ें।”
ली जे म्योंग ने हाल ही में दक्षिण कोरिया में हुए आकस्मिक चुनावों में निर्णायक जीत दर्ज की है और अब वे एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नेता बने हैं। यह जीत देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव मानी जा रही है, विशेषकर ऐसे समय में जब कोरिया को कई आंतरिक और वैश्विक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
2017 के तनावपूर्ण दौर के बाद सुधरते रिश्ते
China South Korea Relation चीन और दक्षिण कोरिया के बीच 2017 में तनाव उत्पन्न हो गया था, जब सियोल ने अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली THAAD को अपने क्षेत्र में स्थापित किया था। चीन ने इस कदम का तीव्र विरोध किया था, जिससे द्विपक्षीय रिश्तों में खटास आ गई थी। हालांकि, समय के साथ दोनों देशों ने रिश्तों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
आज चीन, दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार, तकनीक, विनिर्माण और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग है। ऐसे में इन संबंधों को स्थायित्व देना दोनों के हित में है।
शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि दोनों देशों को रणनीतिक सहयोगात्मक साझेदारी को मजबूत करना चाहिए, जिससे न केवल दोनों को लाभ होगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याप्त अस्थिरता में निश्चितता का संचार करेगा।
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वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं की सुरक्षा पर ज़ोर
China South Korea Relation शी ने खास तौर पर वैश्विक और क्षेत्रीय औद्योगिक एवं आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा पर ज़ोर दिया। उनका कहना था कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश यदि आपसी सहयोग बनाए रखें, तो न केवल वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेंगे, बल्कि वैश्विक व्यापारिक स्थिरता में भी अहम योगदान देंगे।
उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देश आपसी आदान-प्रदान को और मजबूत करें और पड़ोसी मित्र देशों के तौर पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाएं।
दक्षिण कोरिया के सामने नई चुनौतियाँ
China South Korea Relation राष्ट्रपति ली को दक्षिण कोरिया के भीतर और बाहर कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके पूर्ववर्ती द्वारा लगाए गए मार्शल लॉ जैसे कदमों से देश राजनीतिक और सामाजिक रूप से बंट गया था। अब ली को इस ध्रुवीकरण को खत्म कर राष्ट्रीय एकता कायम करनी है।
इसके अलावा, अमेरिका की ओर से अप्रत्याशित संरक्षणवादी नीतियों का खतरा भी बना हुआ है, जो कोरियाई अर्थव्यवस्था और व्यापारिक साझेदारी को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया का मुख्य रक्षा सहयोगी और एक बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
इस संदर्भ में, चीन के साथ अच्छे संबंध बनाना राष्ट्रपति ली की रणनीतिक प्राथमिकता हो सकती है, जिससे दक्षिण कोरिया संतुलन बनाकर अपनी विदेश नीति को आकार दे सके।
मुख्य बिंदु सारणी
विषय | विवरण |
---|---|
तारीख | 10 जून 2025 |
वार्ता में शामिल नेता | शी जिनपिंग (चीन), ली जे म्योंग (दक्षिण कोरिया) |
बातचीत का विषय | द्विपक्षीय संबंध, आपसी सम्मान, क्षेत्रीय स्थिरता |
विशेष ज़ोर | वैश्विक और क्षेत्रीय आपूर्ति शृंखला की सुरक्षा |
पिछला तनाव | 2017 में THAAD मिसाइल सिस्टम को लेकर |
चीन की भूमिका | दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार |
ली की चुनौती | आंतरिक ध्रुवीकरण और वैश्विक संरक्षणवाद |
निष्कर्ष:
शी जिनपिंग और ली जे म्योंग की यह पहली बातचीत क्षेत्रीय कूटनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जहां एक ओर चीन क्षेत्र में अपनी भूमिका को संतुलित और सौहार्दपूर्ण तरीके से बढ़ाना चाहता है, वहीं दक्षिण कोरिया भी एक स्थिर, सुरक्षित और संतुलित कूटनीतिक रास्ता अपनाना चाहता है। यह वार्ता दोनों देशों के लिए द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने का अवसर हो सकती है।