बिहार में होने वाले चुनावों ने साड़ी राजनैतिक पार्टियों को चौकन्ना कर दिया है। सभी नेताओं ने अब बिहार में चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। राहुल गाँधी लगातार अपनी तीसरी बिहार यात्रा पर हैं। सोमवार को भी वो वहीँ रुक रहे हैं। राहुल गाँधी के नजदीकी कन्हैया कुमार NSUI को लेकर पलायन रोको रोजगार दो नारे के साथ पुरे बिहार में रैली कर रहे हैं।
इस रैली को सफल बनाने का अथक प्रयास भी किया जा रहा है जिसमे युवाओं को आवाज़ उठाने और साथ जुड़ने का बुलावा दिया जा रहा है। राहुल गाँधी ने युवाओं को सफ़ेद टी शर्ट पहन कर युवाओं को इसमें जुड़ने के लिए कहा है। हाल ही में उनसे पत्रकारों ने सवाल पूछा कि सफ़ेद टी शर्ट ही क्यों ? जिसके जवाब में राहुल गाँधी ने कहा कि इससे दुनिया को बिहार के नौजवानों का इमोशन नजर आएगा पर सरकार पर दबाव भी।

राहुल गांधी का बिहार प्लान
NSUI को लेकर कन्हैया कुमार की इस यात्रा में युवा काफी तादाद में है। इस यात्रा का भी मक़सद यही लगता है कि बिहार में वो कांग्रेस को लेकर थोड़ी हवा बना सके। बिहार कांग्रेस को लेकर पिछले कुछ समय से काफी काम किया जा रहा है। पहले प्रभारी के रूप में कृष्णा अल्लावुरू को भेजा गया। जो लगातार बिहार में जम कर मीटिंग कर रहे हैं, लगातार अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को भेज रहे है।
इसके बाद राहुल गांधी ने बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को हटाकर राजेश कुमार को बना दिया। राजेश कुमार दलित होने के साथ दो बार के विधायक हैं। मौजूदा समय में भी वो विधायक हैं। कन्हैया कुमार अगड़ी जाति से आते हैं। प्रदेश अध्यक्ष दलित हैं। राहुल गांधी ने इन दोनों की एक जोड़ी बनाई है- जिसमें शकील अहमद खान भी हैं। जो विधानसभा में कांग्रेस के नेता है। साथ ही कन्हैया कुमार के साथ युवाओं को भी जोड़ने का काम कर रहे हैं।
क्या बिहार में महागठबंधन में रहेगी कांग्रेस
राहुल के बार बार बिहार जाने की वजह राहुल का कांग्रेस का वजूद मजबूत करने का प्रयास माना जा सकता है। पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को 70 सीटें मिली थी जिनमे से 19 सीटें ही जित पायी थी। लालू परिवार वापस उन्हें सीट देगा इस पर कांग्रेस को संदेह है। इसलिए अपने पक्ष को मजबूत करने क लिए बिहार में कांग्रेस अपने पक्ष को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। क्युकी सीट बंटवारे में कांग्रेस अपना पलड़ा कमजोर नहीं पड़ने देना चाहती है।