Direct FIR above 10 lacks cyber fraud: भारत में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। अब अगर कोई व्यक्ति ₹10 लाख या उससे अधिक की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होता है और वह शिकायत 1930 हेल्पलाइन नंबर या cybercrime.gov.in पोर्टल पर दर्ज करता है, तो वह शिकायत स्वचालित रूप से एफआईआर में तब्दील हो जाएगी।

₹10 लाख से अधिक की साइबर ठगी पर अब सीधे दर्ज होगी एफआईआर, दिल्ली में शुरू हुआ ई-ज़ीरो FIR प्रोजेक्ट
क्या है ई-ज़ीरो FIR पहल?
इस नई व्यवस्था को ई-ज़ीरो एफआईआर (e-Zero FIR) नाम दिया गया है, जिसे फिलहाल दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। इसकी घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार, 19 मई 2025 को की। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बड़ी साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई हो और पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम? (Direct FIR above 10 lacks cyber fraud)
यदि किसी व्यक्ति के साथ ₹10 लाख या उससे अधिक की ऑनलाइन ठगी होती है, और वह इसकी शिकायत या तो 1930 नंबर पर कॉल करके या फिर साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज करता है, तो उस शिकायत को कानूनी रूप से एफआईआर में बदला जाएगा। अब पीड़ितों को पुलिस थाने के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
यह पहल खासतौर पर उन मामलों को तेज़ी से सुलझाने के लिए लाई गई है, जहां अपराधी तकनीकी तरीकों से बड़ी रकम उड़ा लेते हैं और समय पर कार्रवाई न होने के कारण रकम वापस पाना मुश्किल हो जाता है।
देशभर में जल्द होगा विस्तार (Direct FIR above 10 lacks cyber fraud)
गृह मंत्रालय ने बताया कि यह नई प्रणाली अभी सिर्फ दिल्ली में शुरू की गई है, लेकिन इसकी सफलता के आधार पर इसे जल्द देशभर में लागू किया जाएगा। मंत्रालय ने इस प्रणाली को आई4सी (Indian Cybercrime Coordination Centre) के तहत विकसित किया है, जो देश में साइबर अपराधों की निगरानी और रोकथाम के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी है।
साइबर अपराध के खिलाफ सख्त रुख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार साइबर अपराध के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपना रही है। उन्होंने यह भी बताया कि e-Zero FIR प्रणाली से न केवल अपराधियों पर तेज़ कार्रवाई संभव होगी, बल्कि आम जनता को भी न्याय के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
अमित शाह ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पीड़ित खुद को अकेला या असहाय महसूस न करे। जब शिकायत दर्ज करते ही एफआईआर अपने आप बन जाएगी, तो जांच प्रक्रिया तेज़ होगी और अपराधियों को जल्द सज़ा मिलेगी।”
जनता को क्या लाभ होगा?
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तेज़ जांच प्रक्रिया: एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस कार्रवाई शुरू कर देगी।
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थाने जाने की जरूरत नहीं: केवल हेल्पलाइन या पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना ही पर्याप्त होगा।
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पारदर्शिता और जवाबदेही: शिकायतकर्ता को पूरी प्रक्रिया की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी।
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बड़े वित्तीय नुकसान की भरपाई में सहायता: समय रहते शिकायत और कार्रवाई होने से राशि वापस पाने की संभावना बढ़ेगी।
निष्कर्ष
भारत में साइबर अपराध एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, खासकर जब बड़े पैमाने पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में ई-ज़ीरो FIR व्यवस्था एक बड़ा और साहसिक कदम है, जो न सिर्फ अपराधों पर नियंत्रण लाएगी, बल्कि नागरिकों में विश्वास भी बढ़ाएगी।
जैसे-जैसे यह प्रणाली देश के अन्य हिस्सों में लागू होगी, भारत साइबर अपराध से लड़ने में और अधिक सक्षम होता जाएगा। आम जनता को भी चाहिए कि वह सतर्क रहे और किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करे या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करे।