हिंदी सिनेमा की सबसे चर्चित कॉमेडी फिल्मों में से एक ‘हेरा फेरी’ आज भी दर्शकों के दिलों में ताजा है। अक्षय कुमार (राजू), सुनील शेट्टी (श्याम) और परेश रावल (बाबूराव) की तिकड़ी वाली यह फिल्म अपने हास्य और संवादों के लिए कल्ट क्लासिक बन चुकी है। लेकिन इस फिल्म में एक अहम किरदार था – रिंकू, जिसे किडनैप कर लिया जाता है और यही घटना पूरी कहानी को ट्विस्ट देती है।

हेरा फेरी की नन्ही रिंकू अब 30 साल की, नई पहचान में पहचानना हुआ मुश्किल
कौन हैं ‘रिंकू’ और अब कहां हैं?
फिल्म में रिंकू का किरदार निभाया था एन एलेक्सिया अनरा ने। उस समय वह एक छोटी बच्ची थीं और अब 30 साल की हो चुकी हैं। हाल ही में उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें देखकर उन्हें पहचान पाना मुश्किल है। मासूम चेहरे वाली रिंकू अब एक परिपक्व, प्रोफेशनल महिला बन चुकी हैं और फिल्मों से कोसों दूर हैं।

फिल्मी करियर की छोटी सी झलक
एलेक्सिया अनरा ने ‘हेरा फेरी’ के अलावा कमल हासन की सुपरहिट फिल्म ‘अव्वाई शनमुगी’ में भी काम किया था। हालांकि उनका फिल्मी करियर बहुत छोटा रहा। उनके माता-पिता ने उन्हें विज्ञापनों में एक्टिंग करने की इजाजत दी थी, लेकिन फिल्मों में नहीं, क्योंकि उनका मानना था कि फिल्मों में समय बहुत अधिक लगता है। ‘हेरा फेरी’ की शूटिंग गर्मियों की छुट्टियों में हुई थी, इसलिए उन्होंने उस समय अभिनय की इजाजत दी।
एक्टिंग छोड़ बनीं करियर वूमन
फिल्मों को अलविदा कहने के बाद एलेक्सिया ने पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें फ्रांस सरकार से स्कॉलरशिप मिली, जिससे उन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की पढ़ाई पूरी की। फ्रांस से डिग्री लेकर वे भारत लौटीं और यहां एक विज्ञापन एजेंसी और बाद में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने लगीं।
अब हैं डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट
आज एलेक्सिया अनरा एक सफल सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट हैं। वह इसी क्षेत्र में अपना करियर बना रही हैं और फिल्म इंडस्ट्री से उनका अब कोई जुड़ाव नहीं है। उनके मुताबिक, उन्हें अपने माता-पिता का वह फैसला सही लगता है जिसने उन्हें एक्टिंग से दूर रखा और एक स्थिर जीवन की ओर बढ़ने का रास्ता दिया।
निष्कर्ष
‘हेरा फेरी’ की मासूम बच्ची रिंकू आज एक आत्मनिर्भर महिला बन चुकी हैं। जहां बाकी कलाकारों को फिल्म की वजह से पहचान मिली, वहीं रिंकू ने खुद को पहचान दिलाने के लिए एक्टिंग से बाहर एक नई दुनिया बनाई। आज वह एक उदाहरण हैं उन चाइल्ड आर्टिस्ट्स के लिए जो फिल्मों के बाद जीवन में संतुलन और स्थिरता तलाशते हैं। रिंकू को अब देखकर शायद राजू, श्याम और बाबूराव भी कहें – “ये तो वही है…!”