Home Ministry on judiciary- 1 जुलाई 2025 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ अपील दायर की है, जिसमें एक पाकिस्तानी मूल की महिला रखशंदा राशिद को भारत वापस लाने का निर्देश दिया गया था।

न्यायपालिका बनाम कार्यपालिका: पाक महिला की वापसी पर खिंची संवैधानिक रेखा (Home Ministry on judiciary)
गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा कि “न्यायपालिका को विदेशी नागरिकों की वापसी जैसे मामलों में कार्यपालिका के निर्णय पर हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”
महिला को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भेजा गया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उसे 10 दिनों के भीतर भारत लाने का निर्देश दिया था।
Home Ministry on judiciary – MHA की आपत्तियाँ
गृह मंत्रालय ने अपने Letters Patent Appeal (LPA) में कई संवैधानिक और कूटनीतिक बिंदु उठाए:
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भारत और पाकिस्तान के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, इसलिए कोर्ट का आदेश व्यावहारिक रूप से “कानूनी रूप से अनुपालन योग्य नहीं है।”
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अदालत का आदेश विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषयों में कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करता है।
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इससे खतरनाक मिसाल कायम होगी और अन्य विदेशी नागरिक भी न्यायालयों का दरवाजा व्यक्तिगत प्रत्यावर्तन के लिए खटखटा सकते हैं।
Home Ministry on judiciary- 38 वर्षों से भारत में रह रहीं थीं
रखशंदा राशिद, जो एक भारतीय नागरिक से विवाह कर चुकी हैं, 38 साल से जम्मू में रह रही थीं। उन्होंने 1996 से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया हुआ था और लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV) पर हर साल उनका वीज़ा नवीनीकृत होता था।
हालांकि, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए, MHA ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का निर्देश दिया।
रखशंदा ने दावा किया कि उन्होंने जनवरी में LTV नवीनीकरण का आवेदन दिया था, जो खारिज नहीं हुआ। लेकिन MHA ने कहा कि उनकी वीजा की वैधता समाप्त हो चुकी थी।
Home Ministry on judiciary- विदेशी नागरिकों का अधिकार सीमित
गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि:
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विवाह से कोई विदेशी नागरिक भारतीय नागरिकता स्वतः प्राप्त नहीं कर सकता।
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विदेशी नागरिक अनुच्छेद 19 के अंतर्गत मौलिक अधिकारों के पात्र नहीं होते।
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केवल अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) ही विदेशी नागरिकों पर लागू होता है, जो यह गारंटी नहीं देता कि कोई वीजा समाप्त होने के बाद भी भारत में रह सके।
Home Ministry on judiciary -मुख्य बिंदु तालिका में
मुद्दा | विवरण |
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मामला | पाक महिला की वापसी पर हाईकोर्ट बनाम गृह मंत्रालय विवाद |
महिला का नाम | रखशंदा राशिद |
भारत में निवास अवधि | 38 वर्ष (LTV पर) |
कारण | 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सभी पाक नागरिकों का वीजा रद्द |
हाईकोर्ट आदेश | महिला को 10 दिन में भारत लाने का निर्देश |
MHA की आपत्ति | विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा पर न्यायालय का अतिक्रमण |
कानून संबंधित तर्क | विदेशी नागरिक को विवाह से नागरिकता या स्थायी निवास का अधिकार नहीं |
संवैधानिक धाराएँ | अनुच्छेद 21 लागू, पर अनुच्छेद 19 नहीं; कार्यपालिका का क्षेत्र अनुच्छेद 73 |