इलाहबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक विवादस्पद टिप्पणी कर दी है जिसके बाद ये मामला विवादों में आ गया है। मामला प्रयागराज का है जहाँ कोर्ट ने ही पीड़िता को ही जिम्मेदार बोला है और आरोपी को जमानत भी दे दी है। यह रेप का यह मामला सितंबर 2024 का है। गौतमबुद्ध नगर की एक यूनिवर्सिटी में पढाई करने वाली MA की छात्रा ने रेप की शिकायत दर्ज कराई। लेकिन कोर्ट में पूरे मामले की जानकारी के बाद अदालत ने कहा पीड़िता खुद इसके लिए जिम्मेदार है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने टिप्पणी करते हुए अपने आदेश में कहा -“पीड़िता ने खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया जिसके लिए खुद जिम्मेदार थी।” रेप के आरोपी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बीएनएसएस की धारा 483 के तहत अपने खिलाफ दर्ज रेप के मामले में जमानत आवेदन पत्र दाखिल किया था।

इलाहबाद हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता से कहा – “खुद मुसीबत को बुलावा दिया तुम खुद ही जिम्मेदार”
रेप के आरोपी आवेदक ने गौतमबुद्ध नगर के थाना सेक्टर 126 में अपने खिलाफ दर्ज बीएनएस की धारा 64 यानी रेप के मामले में मुकदमे के विचार के दौरान जमानत पर रिहा करने की मांग कोर्ट से की। उस पर आरोप लगा था कि उसने एक एमए की छात्रा के साथ रेप किया था। पीड़िता ने 23 सितंबर 2024 को गौतमबुद्ध नगर के थाना सेक्टर 126 में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें उसने आरोप लगाया कि आवेदक ने 21 सितंबर 2024 को उसके साथ रेप किया।
वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया है कि आवेदक के न्यायिक प्रक्रिया से भागने या अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है। आवेदक 11 दिसंबर 2024 से जेल में बंद है। जबकि उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाए तो वह जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा। साथ में मामले के शीघ्र निपटान में सहयोग करेगा। इस लिए कोर्ट उसकी जमानत याचिका को मंजूर करती है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पीड़िता एमए की छात्रा है, इसलिए वह अपने कृत्य की नैतिकता और महत्व को समझने में सक्षम थी। जैसा कि उसने एफआईआर में खुलासा किया है। इसलिए न्यायालय का मानना है कि यदि पीड़िता के आरोप को सच मान भी लिया जाए तो यह भी निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उसने खुद ही परेशानी को आमंत्रित किया। इसके लिए वह खुद जिम्मेदार भी है।
पीड़िता ने पुलिस को शिकायत में क्या बताया
पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में उसने लिखा था कि वो नोएडा सेक्टर 126 स्थित एक पीजी में रहकर एक निजी यूनिवर्सिटी में MA की पढाई करती है। 21 सितंबर 2024 को वो अपनी महिला दोस्तों के साथ दिल्ली घूमने गई थी। रात में सबने हौज खास स्थित एक बार में गई। जहां उसकी तीन महिला दोस्त के तीन पुरुष दोस्त आए। इसी दौरान वहां रेप का आरोपी भी पहुंचा। सबने शराब पी। जिससे पीड़िता को काफी नशा हो गया। इसी दौरान आरोपी पीड़िता को अपने साथ चलने को कहा। उसके काफी कहने पर पीड़ित छात्रा के घर पहुंचकर आराम करने के उद्देश्य से चलने के लिए तैयार हो गई।
गुरुग्राम के किसी फ्लैट में ले जाकर किया रेप
पीड़िता ने आरोप लगाया कि अधिक नशे में होने के कारण रास्ते में वो उसे गलत तरीके से छूता रहा। उसने पीड़िता को अपने नोएडा के घर में चलने के लिए कहा था। आरोपी हरियाणा के गुरुग्राम स्थित अपने किसी रिश्तेदार के फ्लैट में ले गया। जहां उसने उसके साथ दो बार रेप किया।
आरोपी के वकील ने क्या तथ्य दिए
आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि पीड़िता का यह स्वीकार किया हुआ मामला है कि वह बालिग है, पीजी छात्रावास में रहती है। वह अपनी मर्जी से अपनी सहेलियों तथा उनके पुरुष मित्रों के साथ बार में जाकर शराब पी जिससे उसे ज्यादा नशा हुआ । वह अपने साथियों के साथ तीन बजे तक बार में ही रही।
इस याचिका पर जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि तथ्यों के आधार पर यह तर्क दिया गया है कि पीड़िता द्वारा बताए गए मामले के तथ्यों को देखते हुए यह रेप का मामला नहीं है बल्कि संबंधित पक्षों के बीच सहमति से संबंध का मामला होने जैसा लगता है।