भारत ने एक बार फिर अपनी पड़ोसी और मित्र राष्ट्र मालदीव को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए एक अहम कदम उठाया है। मालदीव की सरकार के अनुरोध पर, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मालदीव के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल को एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। यह निर्णय 12 मई 2025 को भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में साझा किया गया।

भारत ने मालदीव को फिर दिया आर्थिक सहारा, ट्रेज़री बिल एक साल के लिए बढ़ाया
इस वित्तीय सहायता से मालदीव को अपनी आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और आवश्यक वित्तीय सुधारों को लागू करने में मदद मिलेगी। मालदीव वर्तमान में आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और भारत की यह सहायता उसे अपने राजकोषीय ढांचे को मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है।
ट्रेज़री बिल एक प्रकार का अल्पकालिक ऋण साधन होता है जिसे सरकारें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार जारी करती हैं और इसे बैंकों या निवेशकों द्वारा खरीदा जाता है। इस बार भारत ने इस बिल को रिन्यू करते हुए स्पष्ट संकेत दिया है कि वह मालदीव की आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर है और संकट की घड़ी में उसका भरोसेमंद साथी बना रहेगा।
भारत और मालदीव के बीच वर्षों से मजबूत द्विपक्षीय संबंध रहे हैं। दोनों देशों ने न केवल व्यापार और निवेश के क्षेत्र में, बल्कि रक्षा, शिक्षा, पर्यटन और समुद्री सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों में भी आपसी सहयोग को प्रोत्साहित किया है। भारत ने पहले भी मालदीव को कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन, खाद्य सामग्री, मेडिकल उपकरण और वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
- ये भी पढ़ें – ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई
इस निर्णय के पीछे भारत का उद्देश्य केवल कूटनीतिक संबंधों को बनाए रखना नहीं है, बल्कि दक्षिण एशिया में स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देना भी है। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान रखता है और भारत के ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत इसे प्राथमिकता दी जाती रही है।
मालदीव सरकार ने इस सहायता पर भारत का आभार प्रकट किया है और कहा है कि यह सहयोग देश को अपने वित्तीय सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण सहायता देगा। यह सहायता दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है। भारत द्वारा इस तरह की आर्थिक सहायता यह दर्शाती है कि वह क्षेत्रीय स्थिरता, साझेदारी और आपसी विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में भी दोनों देशों के बीच सहयोग के और नए आयाम खुलने की संभावना है।