भारतीय सेना ने हाल ही में एक बड़ी सैन्य सफलता हासिल करते हुए पाकिस्तान के तीन लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। इनमें दो जेएफ-17 और एक एफ-16 फाइटर जेट शामिल है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान ने शनिवार रात जम्मू क्षेत्र के सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया जैसे इलाकों में आठ मिसाइलें दागीं। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सतर्कता दिखाते हुए सभी मिसाइलों को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही हवा में नष्ट कर दिया, जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ।

भारतीय सेना का जवाब: तीन पाकिस्तानी फाइटर जेट्स ढेर, मिसाइलें नाकाम
भारतीय सेना की इस कार्यवाही ने न सिर्फ पाकिस्तान की सैन्य शक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि उनकी रणनीतियों की तुलना अब आतंकवादी संगठनों से की जा रही है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना अब पारंपरिक युद्ध नीति छोड़कर ऐसे व्यवहार अपना रही है जो अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों जैसे हामास की रणनीतियों से मेल खाते हैं।
एक साथ दर्जनों सस्ती और छोटे आकार की मिसाइलें दागना सिर्फ भय पैदा करने का एक प्रयास माना जा रहा है, जैसा कि हाल ही में इज़रायल पर हमले में देखा गया था। हमने आपको बताया था की भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने कैसे हथियारों का प्रयोग किया था।
पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए जा रहे JF-17 लड़ाकू विमान चीन द्वारा विकसित किए गए हैं। इन विमानों की लंबाई करीब 14.9 मीटर, पंखों का फैलाव 9.45 मीटर और ऊंचाई लगभग 4.77 मीटर होती है। ये विमान रूसी या चीनी इंजन से लैस होते हैं और लगभग 1,910 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकते हैं। JF-17 में सात हथियार बिंदु होते हैं जिन पर एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। इनमें चीनी PL-5, PL-12 और PL-15 मिसाइलों के साथ GPS-निर्देशित बम शामिल हैं।
भारतीय एयर डिफेंस की सक्रियता और तकनीकी दक्षता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत तैयार है। सेना की इस जवाबी कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम किया बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत की सुरक्षा नीति अब और अधिक आक्रामक और निर्णायक हो चुकी है।