Indian Govt on US VISA Policy: भारत सरकार ने अमेरिका से उम्मीद जताई है कि वह भारतीय छात्रों को समय पर वीज़ा प्रदान करेगा ताकि वे वर्ष 2025-26 के शैक्षणिक सत्र में विश्वविद्यालयों में शामिल हो सकें। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने दुनियाभर में अपने वीज़ा मिशनों में नए वीज़ा अपॉइंटमेंट्स को अस्थायी रूप से रोक दिया है।

अमेरिका में 3.3 लाख भारतीय छात्र, भारत ने जताई समय पर वीज़ा प्रक्रिया की उम्मीद
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने गुरुवार, 29 मई को कहा कि वीज़ा जारी करना अमेरिका का “संप्रभु कार्य” है, लेकिन भारत को आशा है कि भारतीय छात्रों के आवेदन योग्यता के आधार पर समय पर पूरे किए जाएंगे।
जैसवाल ने कहा, “हमने रिपोर्ट्स देखी हैं कि अमेरिका ने छात्र और एक्सचेंज वीज़ा आवेदकों को लेकर अपनी गाइडलाइंस अपडेट की हैं। हम मानते हैं कि वीज़ा देना अमेरिका का संप्रभु निर्णय है, लेकिन हमें विश्वास है कि भारतीय छात्रों के मामले में योग्यता को महत्व दिया जाएगा और वे समय से अपनी पढ़ाई शुरू कर सकेंगे।”
भारतीय छात्रों की बढ़ती भागीदारी
Indian Govt on US VISA Policy: 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 3,30,000 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे। यह अमेरिका में पढ़ने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों का लगभग 30% है — किसी भी देश से सबसे अधिक। इस संदर्भ में छात्रों की वीज़ा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न केवल उनके भविष्य पर असर डाल सकती है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
विदेश सचिव की अमेरिका यात्रा और वार्ताएं
इस वीज़ा मुद्दे के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पूरी की। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ समेत कई अधिकारियों से मुलाकात की। हालांकि विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वीज़ा रोके जाने या ट्रंप प्रशासन की भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम पर मध्यस्थता के दावों को लेकर कोई विशेष चर्चा हुई।
जैसवाल ने बताया, “मिस्री और लैंडौ ने माना कि तकनीक, व्यापार और प्रतिभा भारत-अमेरिका संबंधों का भविष्य तय करेंगे। दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।”
यात्रा के दौरान रक्षा, ऊर्जा, क्वाड सहयोग, IMEEC (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) और I2U2 (इज़राइल-भारत-यूएई-अमेरिका) जैसे बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
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आगामी घटनाएं और रणनीतिक साझेदारी
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जून के अंत में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने वॉशिंगटन जाएंगे। इसके अलावा भारत नवंबर में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेज़बानी भी करेगा।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि भारत-अमेरिका संबंध केवल शिक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि रणनीतिक और वैश्विक सहयोग के कई पहलुओं को समेटे हुए हैं।
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भारत-अमेरिका छात्र वीज़ा विवाद – प्रमुख तथ्य
विषय | विवरण |
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विवाद की शुरुआत | मई 2025 – अमेरिकी वीज़ा अपॉइंटमेंट्स का अस्थायी रोक |
भारतीय छात्रों की संख्या (2023-24) | 3,30,000+ |
अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारतीय प्रतिशत | 30% |
भारत की प्रतिक्रिया | योग्यता के आधार पर समय पर वीज़ा जारी करने की आशा |
विदेश सचिव की यात्रा | 3-दिन, वॉशिंगटन (उप विदेश मंत्री से बैठक) |
चर्चित मुद्दे | वीज़ा, रक्षा, ऊर्जा, क्वाड, I2U2, IMEEC |
भविष्य की योजनाएं | जून में जयशंकर की वॉशिंगटन यात्रा, नवंबर में क्वाड शिखर सम्मेलन |