भारतीय न्याय पालिका पर उठते सवाल: आखिरी हफ्ते में काफी सारे न्यूज़ चैनल्स पर जज घर में अधजली नोटों की गड्डियां मिलने की न्यूज़ चली। जिसमे लोगों की काफी तरह की प्रतिक्रियाएं आयीं। ये घर हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा का था। ये बात अलग है कि जस्टिस वर्मा ने कहा कि उन्होंने या उनके परिजनों ने वहां कॅश नहीं रखा। ये उनके खिलाफ किसी की साजिश है। वहीँ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने मामले की जाँच के लिए तीन जजों की कमेटी बना दी है।
भारतीय न्यायपालिका पर उठते सवाल
अब इसमें जो भी होना है वो आगे होगा और हम अपने न्यूज़ khabarnews24 पे आपको सूचित करते रहेंगे। लेकिन अब इस मुद्दे ने फिर से पुरे देश में न्यायपालिका को लेकर बहस को तेज कर दिया है। मामला सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि न्यायपालिका पर नियंत्रण का है।

असली सवाल ये है न्यायपालिका की स्वतंत्रता कैसी सुनिश्चित होगी, जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम के आलावा क्या दूसरा कोई और तरीका नहीं है। विपक्ष द्वारा बार बार लगाए जाने वाले राजनितिक दखलंदाजी के आरोप निरे आरोप हैं या उनमे भी कोई बिंदु ऐसा है जिसे बार नजरअंदाज किया जा रहा है।
बार बार ऐसी घटनाओं से देश में कोर्ट जैसी संस्था से अगर आम आदमी का यकीन कम हो रहा है तो ये देश के लोकतंत्र के लिए बिलकुल सही नहीं है। इस बात को मान सकते हैं कि देश में अधिकतर लोग किसी ना किसी विचारधारा के अनुसार चलते हैं। या किसी राजनैतिक दल को फॉलो करते हैं। मगर जब भी किसी अन्याय से पीड़ित होते हैं तो वो पूरी उम्मीद से अगर कोर्ट को देखते हैं। अगर कोर्ट उनकी आशा के अनुरूप नैतिक मूल्यों खंडित करती नजर आयी तो इससे आम जान में अविश्वास की भावना बढ़ती जाएगी।
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