Indian Trade deficit: अप्रैल 2025 में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 26.42 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो बीते पांच महीनों में सबसे अधिक है। हालांकि, इस दौरान निर्यात में 9.03 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश का कुल निर्यात अप्रैल में 38.49 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

अप्रैल में बढ़ा व्यापार घाटा, लेकिन निर्यात ने दिखाई मजबूती
Indian Trade deficit: इस अवधि में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह क्षेत्र 39.52 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.69 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वहीं इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 11.28 प्रतिशत बढ़कर 9.51 अरब डॉलर हो गया है। इन दोनों क्षेत्रों का प्रदर्शन भारत के समग्र निर्यात आंकड़े को मजबूत करने में सहायक रहा।
हालांकि, दूसरी तरफ आयात में भी तेज़ इजाफा हुआ, जिससे कुल व्यापार घाटे पर दबाव बढ़ा। क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल का आयात 25.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 20.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसके अलावा सोने का आयात भी 4.86 प्रतिशत बढ़कर 3.09 अरब डॉलर तक पहुंचा।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल 2025 में भारत का कुल आयात 64.91 अरब डॉलर रहा, जिसमें उर्वरक और तेल जैसे मुख्य उत्पाद शामिल थे। यह पिछले वर्ष की तुलना में 19.12 प्रतिशत अधिक है।
कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जिनमें निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इनमें तंबाकू, चाय, कॉफी, समुद्री उत्पाद, सिले-सिलाए परिधान, चावल, रत्न व आभूषण, मसाले, पेट्रोलियम उत्पाद और दवाइयां शामिल हैं। यह संकेत करता है कि पारंपरिक और कृषि आधारित उत्पादों की वैश्विक मांग अब भी बनी हुई है।
Indian Trade deficit: सेवाओं के निर्यात में भी अप्रैल 2025 में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई। सेवा निर्यात का मूल्य 35.31 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 30.18 अरब डॉलर था। वहीं सेवा आयात 17.54 अरब डॉलर पर पहुंचा, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा अधिक है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस मौके पर उम्मीद जताई कि भारत आने वाले महीनों में निर्यात की गति बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चुने गए 20 देशों और 6 प्रमुख वस्तुओं पर केंद्रित रणनीति अब परिणाम देने लगी है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में बातचीत तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि भले ही वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है, फिर भी भारत का निर्यात क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और सरकार इसे और प्रोत्साहन देने के लिए नीतिगत समर्थन जारी रखेगी।
इस प्रकार, भले ही व्यापार घाटा बढ़ा हो, लेकिन निर्यात के मोर्चे पर भारत ने कई सकारात्मक संकेत दिए हैं, जो आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकते हैं।