हरियाणा के हिसार की रहने वाली यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को हाल ही में भारत सरकार ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ज्योति के खिलाफ यह कार्रवाई कई खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और इनपुट के आधार पर की गई। उन पर भारत की संवेदनशील सैन्य जानकारियाँ पाकिस्तान को देने का गंभीर आरोप है।

ज्योति मल्होत्रा कौन हैं और उन्हें क्यों किया गया गिरफ्तार?
इफ्तार पार्टी बना बड़ा सबूत: ज्योति ने 2024 में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें वह नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित एक इफ्तार पार्टी में शामिल होती दिख रही हैं। इस वीडियो में वह न सिर्फ आयोजन की प्रशंसा कर रही थीं, बल्कि एक पाकिस्तानी अधिकारी से बड़ी सहजता से बात करती नजर आईं। यह अधिकारी कोई और नहीं बल्कि अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश था, जो पाकिस्तान दूतावास में कार्यरत था।
जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी वीडियो ने ज्योति और दानिश के बीच पहले से संबंध होने की पुष्टि की और मामला गंभीर हो गया।
कौन है दानिश, जिसे भारत ने देश से निकाला?
दानिश पाकिस्तान दूतावास में एक अधिकारी था, जिसे भारत सरकार ने “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर 13 मई 2025 को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत सरकार को पुख्ता सबूत मिले थे कि दानिश जासूसी गतिविधियों में लिप्त था और उसने ज्योति को अपने जाल में फंसाया।
पाकिस्तान से कैसे जुड़ा ज्योति का कनेक्शन?
बताया जा रहा है कि ज्योति मल्होत्रा पहली बार 2023 में एक डेलीगेशन के साथ पाकिस्तान गई थीं। वहीं उसकी मुलाकात दानिश से हुई थी। भारत लौटने के बाद भी वह दानिश के संपर्क में बनी रही। बाद में दानिश की सिफारिश पर ही वह दोबारा पाकिस्तान गई।
दूसरी यात्रा के दौरान उसकी मुलाकात अली अहसान नामक व्यक्ति से हुई, जिसने ज्योति के पाकिस्तान में रहने और यात्रा की पूरी व्यवस्था कराई। यही नहीं, अली ने ही ज्योति की मुलाकात पाक खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों जैसे शकीर और राणा शाहबाज से करवाई।
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को दी?
जांच एजेंसियों के अनुसार, ज्योति ने चार बार पाकिस्तान यात्रा की, जिसमें दो यात्राएं 2023 में हुईं। वह लगातार सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में रही।
सबसे चिंताजनक बात यह सामने आई कि ज्योति ने भारतीय सुरक्षा और सैन्य ठिकानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ पाक एजेंसियों को दीं। इनमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी जानकारियाँ भी शामिल थीं।
भारत सरकार की सख्त कार्रवाई
इन गंभीर खुलासों के बाद भारत सरकार ने न सिर्फ ज्योति को गिरफ्तार किया, बल्कि दानिश को देश से निकालकर पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा।
निष्कर्ष
यह मामला एक बार फिर इस बात की पुष्टि करता है कि सोशल मीडिया, ट्रैवल और ब्लॉगिंग जैसे साधनों का दुरुपयोग कर दुश्मन देश कैसे जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। ज्योति मल्होत्रा का केस सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है और आम लोगों के लिए सबक कि किसी भी बाहरी संपर्क से पहले सतर्क रहना बेहद जरूरी है।