Operation Sindoor Real Facts: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन, 7 मई को हुई कुछ “रणनीतिक चूकों” को जल्दी ही सुधारा गया, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर निर्णायक बढ़त बना ली। यह बयान उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए चार दिवसीय सैन्य अभियान के संदर्भ में दिया।

ऑपरेशन सिंदूर: पहले दिन हुई चूक के बाद भारत ने बनाई निर्णायक बढ़त – CDS जनरल अनिल चौहान
जनरल चौहान ने कहा कि प्रारंभिक क्षति के बाद भारतीय वायुसेना ने 7, 8 और 10 मई को पाकिस्तान के अंदर गहराई तक जाकर सटीक हमले किए। उन्होंने बताया कि भारतीय विमानों ने “पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए” सटीक बमबारी की और तय किए गए लक्ष्य को “मीटर स्तर की सटीकता” से निशाना बनाया।
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पाक का दावा गलत, राफेल समेत 6 भारतीय विमान नहीं गिरे – जनरल चौहान का खंडन
पाकिस्तान द्वारा किए गए इस दावे पर कि उसने भारत के छह लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिसमें तीन राफेल भी शामिल थे, जनरल चौहान ने सख्त खंडन किया। उन्होंने कहा, “यह दावा पूरी तरह से गलत है।” हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि भारत ने कितने विमान गंवाए।
जनरल चौहान ने यह जरूर माना कि 7 मई को “कुछ हानियां” हुई थीं, लेकिन उसका कारण “प्रारंभिक रणनीतिक गलतियां” थीं जिन्हें तुरंत ठीक कर लिया गया। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने गहरे हमले और सामरिक नियंत्रण के साथ मिशन को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा, “मुद्दा यह नहीं है कि क्या गिरा, बल्कि यह है कि क्यों गिरा और हमने उसके बाद क्या सीखा और किया।”
चीन से मिल रहा है पाकिस्तान को सैन्य समर्थन, 80% हथियार वहीं से
जनरल चौहान ने इस बात पर भी रोशनी डाली कि पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का एक बड़ा हिस्सा चीन से प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लगभग 80% हथियार और सैन्य उपकरण हाल के वर्षों में चीन से खरीदे गए हैं। इसमें मिसाइल सिस्टम, रडार और अन्य रक्षा प्रणालियाँ शामिल हैं।
उनका यह भी कहना था कि चीन की कंपनियाँ तकनीकी सहयोग, रखरखाव और मरम्मत में पाकिस्तान की सहायता कर रही हैं। इस प्रकार, भारत को अब न केवल पाकिस्तान से, बल्कि उसके पीछे खड़े चीनी सैन्य समर्थन से भी निपटना पड़ रहा है।
यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब चीन और पाकिस्तान दोनों की गतिविधियाँ भारत की सीमाओं और रणनीतिक हितों के लिए चुनौती बनती जा रही हैं।
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परमाणु युद्ध का खतरा नहीं, भारत-पाक ने दिखाई परिपक्वता – CDS
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया भर में यह आशंका उठी थी कि कहीं भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु टकराव न हो जाए। लेकिन जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई स्थिति नहीं बनी थी।
सिंगापुर में ‘शांगरी-ला डायलॉग’ नामक सुरक्षा मंच पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “दोनों देशों ने इस पूरे अभियान के दौरान परिपक्वता दिखाई। सैन्य कार्रवाई के दौरान कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच “पारंपरिक युद्ध क्षेत्र” का विस्तार हो चुका है और भविष्य में सैन्य जवाब इसी ढांचे में दिए जाएंगे।
जनरल चौहान ने कहा, “अब समय आ गया है कि हम इस बात को स्वीकारें कि बिना परमाणु हथियारों के भी हम अपने दुश्मन को जवाब दे सकते हैं – वह भी सटीक, रणनीतिक और निर्णायक तरीके से।”
निष्कर्ष: भारत की निर्णायक कार्रवाई ने बदली युद्ध की दिशा
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए जिस प्रकार से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और वायुसेना ठिकानों को निशाना बनाया, वह न केवल सामरिक सफलता रही, बल्कि यह संदेश भी था कि भारत अब आक्रामक और पेशेवर रणनीति से अपनी रक्षा करेगा।
भारत ने इस अभियान में स्वदेशी तकनीक, ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और लेयर्ड एयर डिफेंस का उपयोग करते हुए तीनों सेनाओं के सहयोग से एक सशक्त और संगठित सैन्य जवाब दिया।