भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का प्रभाव अब डिजिटल मोर्चे पर भी दिखाई देने लगा है। सैन्य स्तर पर हर बार नाकाम होने के बाद पाकिस्तान अब भारत के आर्थिक और तकनीकी ढांचे को निशाना बनाने की फिराक में है। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बैंकों और बीमा कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

साइबर खतरे की आहट: वित्त मंत्री की चेतावनी, बैंकों को साइबर सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था — भारत के फाइनेंशियल सिस्टम को साइबर हमलों से सुरक्षित रखना। वित्त मंत्री ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को अपने साइबर सिक्योरिटी सिस्टम को फिर से मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सभी डेटा सेंटरों और डिजिटल ढांचों का नियमित ऑडिट कराना अनिवार्य होगा ताकि किसी भी प्रकार के साइबर उल्लंघन या डेटा चोरी की संभावना को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
पाकिस्तान की बौखलाहट: साइबर हमला बन सकता है हथियार
भारत की सैन्य कार्यवाहियों से बौखलाया पाकिस्तान अब डिजिटल हमला करने की सोच सकता है। इस परिस्थिति को गंभीरता से लेते हुए वित्त मंत्री ने साइबर निगरानी के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की बात कही है — एक अधिकारी साइबर रिपोर्टिंग से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी संभालेगा और दूसरा बैंकिंग व्यवस्था तथा एटीएम नेटवर्क की सतत निगरानी करेगा।
इन अधिकारियों को हर संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत CERT-In (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) को देनी होगी, ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

CERT-In की चेतावनी: खतरा केवल कल्पना नहीं
CERT-In ने पहले ही आगाह किया है कि पाकिस्तान समर्थित हैकर्स भारत के बैंकिंग नेटवर्क, निजी कंपनियों और सरकारी वेबसाइटों को निशाना बना सकते हैं। विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित बैंक शाखाओं को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में सभी संस्थाओं को 24×7 साइबर मॉनिटरिंग शुरू करने का आदेश दिया गया है।
आर्थिक स्थिरता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि इस चुनौतीपूर्ण समय में आर्थिक स्थिरता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे किसी भी संकट की स्थिति में भी नागरिकों को बिना रुकावट वित्तीय सेवाएं प्रदान करें। विशेष जोर सीमावर्ती क्षेत्रों पर दिया गया है, जहाँ साइबर हमलों का खतरा अपेक्षाकृत अधिक है।
भारत तैयार है, साइबर जंग की चुनौती स्वीकार
भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे जंग सीमा पर हो या डिजिटल दुनिया में — वह हर मोर्चे पर पूरी तैयारी के साथ डटा है। पाकिस्तान के किसी भी साइबर हमले का समुचित और तकनीकी जवाब देने के लिए भारत तैयार है।
इस बैठक ने साबित कर दिया कि सरकार न केवल पारंपरिक सुरक्षा में, बल्कि साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक मोर्चों पर भी पूरी तरह से सजग है।
Source: ANI