Radhika Yadav Murder Case – गुरुग्राम के वज़ीराबाद गाँव से आई यह कहानी देशभर में चर्चा का विषय बन गई है। एक पिता, जिसे सब ‘प्यारा और सपोर्टिव’ मानते थे, उसी ने अपनी बेटी राधिका यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना केवल एक हत्या नहीं है, बल्कि उन सामाजिक और पारिवारिक जड़ों को भी उधेड़ कर रख देती है, जो आधुनिक सोच और परंपरावादी मानसिकता के बीच झूलती रहती हैं।

गुरुग्राम की दर्दनाक कहानी: जब एक पिता अपनी बेटी का हत्यारा बन गया
वज़ीराबाद से सेक्टर 57 तक का सफर
Radhika Yadav Murder Case – राधिका यादव गुरुग्राम के सेक्टर 57 में अपने परिवार के साथ रहती थी। वह केवल 25 साल की थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेनिस खेल चुकी थी। उसके पिता दीपक यादव ने अपनी बेटी को टेनिस की दुनिया में आगे बढ़ाने के लिए अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा समर्पित कर दिया था। रिश्तेदारों और दोस्तों के मुताबिक दीपक ने बेटी की कोचिंग, टूर्नामेंट, और विदेश दौरों में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
राधिका ने जूनियर सर्किट में 10 इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) टूर्नामेंट खेले और महिलाओं की श्रेणी में 30 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भारत के साथ-साथ मलेशिया, ट्यूनिशिया, बुरुंडी जैसे देशों में खेले। उसका जूनियर बेस्ट रैंक 1638 और महिला वर्ग में सर्वश्रेष्ठ रैंक 1999 थी।
हत्या का दिन और बढ़ता तनाव
Radhika Yadav Murder Case – राधिका की हत्या 10 जुलाई की सुबह हुई। पुलिस के मुताबिक दीपक यादव और राधिका के बीच पिछले कुछ दिनों से उसके खेल अकादमी को लेकर विवाद चल रहा था। दीपक चाहते थे कि राधिका अकादमी बंद कर दे, वहीं राधिका ने इसका विरोध किया क्योंकि वह खेल में करियर बनाना चाहती थी। पुलिस अधिकारी विनोद कुमार के अनुसार, दीपक इस तनाव में था कि गाँव में लोग उसका मज़ाक उड़ा रहे हैं कि वह बेटी की कमाई पर पल रहा है।
हत्या वाले दिन राधिका रसोई में खाना बना रही थी। दीपक ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाली और पांच गोलियां दाग दीं। एक गोली छूट गई, बाकी चार राधिका के शरीर के अहम हिस्सों में जा लगीं। वह मौके पर ही गिर पड़ी। दीपक ने गोली चलाने के बाद भागने की कोशिश नहीं की।
पड़ोसी और परिवार की प्रतिक्रिया
Radhika Yadav Murder Case – पास में निर्माणाधीन इमारत के केयरटेकर प्यारे लाल ने बताया कि उन्होंने राधिका की मां को गली में दौड़ते देखा, जो फोन पर किसी को मदद के लिए बुला रही थीं। मोहल्ले की महिलाएँ जमा हो गईं। दीपक पहली मंजिल की बालकनी में दिखाई दिया, हाथ में रिवॉल्वर लहराई और कहा कि उसने अपनी बेटी को मार डाला।
राधिका के चाचा कुलदीप ने एफआईआर में लिखा कि उन्होंने अपनी भतीजी को खून से लथपथ देखा और तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दीपक यादव: पिता या हत्यारा?
Radhika Yadav Murder Case – राधिका के कोच, रिश्तेदार और परिवार के दोस्त बताते हैं कि दीपक ने अपनी बेटी को ऊँचाई तक पहुँचाने के लिए खुद को भुला दिया था। उसने परिवार के कई फंक्शन छोड़ दिए ताकि राधिका की कोचिंग प्रभावित न हो। करोड़ों रुपये बेटी की ट्रेनिंग में खर्च किए।
राधिका के पहले कोच विनोद कुमार बताते हैं कि जब वह सिर्फ 10 साल की थी तब उसका पिता रोज उसे वसंत कुंज कोचिंग में लाता था। वही कोच बाद में गुरुग्राम शिफ्ट हो गया, दीपक की सलाह पर। लेकिन यह सब अचानक कैसे टूट गया? पुलिस का दावा है कि गाँव के लोग दीपक को ताने मारते थे कि वह बेटी की कमाई खा रहा है और राधिका के कपड़े और जीवनशैली पर भी उंगलियाँ उठाते थे।
अकादमी या अफवाहें?
Radhika Yadav Murder Case – पुलिस की इस थ्योरी को परिवार के लोग खारिज करते हैं। दीपक के भाई विजय कहते हैं कि राधिका ने कोई अकादमी नहीं खोली थी। उसने पास के रायडर अकादमी में कुछ खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देना शुरू किया था और सेक्टर 61 में भी कोचिंग जॉब पकड़ी थी ताकि चोट लगने के बाद भी वह खेल से जुड़ी रह सके।
हरियाणा टेनिस एसोसिएशन की सीईओ सुमन कपूर भी कहती हैं कि राधिका यादव के नाम से कोई अकादमी पंजीकृत नहीं थी।

अफवाहें और प्यार
Radhika Yadav Murder Case- कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि राधिका किसी दूसरे जाति के लड़के से शादी करना चाहती थी और यही वजह बनी। पर परिवार के लोगों ने इसे सिरे से खारिज किया।
राधिका ने एक रोमांटिक म्यूजिक वीडियो भी किया था, जो उसकी मौत के बाद वायरल हो गया। उस वीडियो के एक्टर-गायक इनाम उल हक ने बताया कि राधिका एक्टिंग में भी करियर बनाना चाहती थी और ऐसे कई प्रोजेक्ट्स में काम करने की इच्छुक थी।
राधिका की दोस्त की गवाही
राधिका की दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत ने इंस्टाग्राम वीडियो में खुलासा किया कि राधिका घर में घुटन महसूस करती थी। उसके पिता को शक रहता था और उसे हर बात के लिए सफाई देनी पड़ती थी। वह बताती है कि राधिका को मेकअप करना और फोटो-वीडियो शूट करना पसंद था, लेकिन धीरे-धीरे उस पर भी रोक लग गई।
गाँव का पारंपरिक दबाव बनाम आधुनिक सोच
यह मामला उन कई कहानियों में से एक है जहाँ परिवार की पाबंदियाँ और गाँव के ताने किसी युवा के सपनों को तोड़ देते हैं। राधिका, जो भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकती थी, अब सिर्फ याद बनकर रह गई।
अंत में बची एक पीड़ा
राधिका के चाचा कुलदीप कहते हैं, “हमने बेटी भी खो दी और भाई भी। अब हमें दोनों को न्याय दिलाना है। दीपक पछता रहा है और कहता है उसे फांसी दे दी जाए। गाँव के तानों ने एक घर को तबाह कर दिया।”
राधिका की मौत कई सवाल छोड़ गई है — क्या गाँव की सोच अब भी लड़कियों के सपनों पर भारी है? क्या पिता की झूठी इज़्जत के लिए बेटियों की जान लेना जायज़ है?
| विषय | विवरण |
|---|---|
| मृतका का नाम | राधिका यादव |
| उम्र | 25 साल |
| मूल स्थान | वज़ीराबाद गाँव, गुरुग्राम |
| पिता का नाम | दीपक यादव |
| पिता का पेशा | रियल एस्टेट एजेंट, किराए की प्रॉपर्टीज से कमाई |
| खेल करियर | 10 ITF जूनियर और 30 महिला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट |
| हत्या की तारीख | 10 जुलाई 2025 |
| हथियार | लाइसेंसी .32 बोर रिवॉल्वर |
| हत्या का कारण | गाँव के ताने, अकादमी विवाद (अधूरी सच्चाई) |
| परिवार की राय | हत्या दुर्घटना थी, पुलिस थ्योरी पर असहमति |
| दोस्त की राय | घर में घुटन, पाबंदियों से परेशान थी राधिका |