डोनाल्ड ट्रम्प ने जब से अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला है तब से रूस यूक्रेन विवाद में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला है। ट्रम्प ने शुरू से चल रही अमेरिकी निति को U टर्न दे दिया है। हाल ही में जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रंप के बीच ओवल ऑफिस में एक ऐसा सार्वजनिक विवाद हुआ जो इससे पहले कभी किसी देश का नहीं देखा गया। इसके बाद अमेरिका ने युद्ध ग्रस्त यूरोपीय राष्ट्र के लिए सभी सैन्य सहायता रोक दी।
हालांकि एक दिन के भीतर ज़ेलेंस्की ने विवाद पर खेद जताया और कीव की ओर से आंशिक युद्धविराम की घोषणा करने, स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए ट्रंप के साथ काम करने की तत्परता की घोषणा की लेकिन रूस ने अभी ऐसी कोई स्वीकृति नहीं दी है वहीं भू-राजनीतिक हिमनद प्लेटें तेजी से बदल रही हैं और इससे यूरोप हैरान है। वहीं रूस बस देख रहा है और इंतजार कर रहा है लेकिन युद्ध अभी भी जारी है।
रूस यूक्रेन संघर्ष का इतिहास
इसी समझौतों में खार्किव और खेरसॉन से रूस के पीछे हटने के बीच रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध को दोगुना कर के उन्होंने चार यूक्रेनी ओब्लास्ट्स – डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज्जिया और खेरसॉन पर कब्ज़ा कर लिया और आंशिक लामबंदी की घोषणा की। पुतिन का सन्देश साफ़ था कि वह एक लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर पुतिन ने एशिया की ओर रुख किया जहाँ चीन, भारत और अन्य के विशाल बाजारों ने प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने में मास्को की मदद की।

रूस ने जनवरी में सोलेडर और मई में बखमुट पर महीनों लंबे अभियान के बाद कब्ज़ा कर लिया है। रूस ने फरवरी 2024 में अवदीवका, सितंबर, 2024 में क्रास्नोहोरिवका और अक्टूबर, 2024 में वुहलदार पर कब्ज़ा करके अपने युद्ध के मैदान में आगे बढ़ चूका है और बोनस ले चूका है ।
युद्ध में कौन आगे कौन पीछे
अगर युद्ध को देखा जाए तो 2023 के बाद से ही यूक्रेन रूसियों को हराने और खोए हुए क्षेत्रों को फिर से हासिल करने में सफल नहीं हो पाया । यूक्रेन ने दक्षिण में उन्नत पश्चिमी हथियारों के साथ एक बहुप्रतीक्षित जवाबी हमला तो किया जून 2023 में लेकिन रूस के मजबूत रक्षा तंत्र के सामने यह भरभरा कर टूट गया। यूक्रेन ने पूर्व में रूस के आगे बढ़ते सैनिकों पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से अगस्त 2024 में, एक आश्चर्यजनक हमले में कुर्स्क क्षेत्र में लगभग 1000 वर्ग किलोमीटर रूसी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, लेकिन रूस ने जाल में फंसने से इनकार कर दिया। यूक्रेन के प्रतिरोध में पूर्व में अपने आक्रमण को तेज कर दिया ।
रूसी सेना ने 2024 में यूक्रेन और रूस के कुर्स्क दोनों में अनुमानित 4168 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया। रूसी सैनिकों ने वेलिका नोवोसिल्का और टोरेत्स्क के कुछ हिस्सों पर जनवरी 2025 में कब्जा कर लिया। वे पोक्रोवस्क को घेरने की भी कोशिश कर रहे हैं। हाल के महीनों में यूक्रेन ने रूसी क्षेत्र के साथ-साथ काले सागर में भी ड्रोन और मिसाइल हमलों को बढ़ा दिया है जिससे रूस की सुरक्षा को नुकसान तो पहुंचा है। लेकिन युद्ध के मैदान में यह दो साल से अधिक समय से बैकफुट पर है।
हालाँकि हम खुद ये चाहेंगे की भविष्य में ये युद्ध जल्दी से जल्दी ख़त्म हो और विश्व शांति की तरफ मिल कर प्रयास करे। आगे किसी भी तरीके की देश विदेश से जुडी खबरें जान ने के लिए हमारी खबरnews24 से जुड़े रहें और अपने कमैंट्स से हमे भी अपने विचार भेजें।