Singapore security conference Shangri La: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ इस सप्ताहांत सिंगापुर में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित शांगरी-ला डायलॉग में शामिल हो रहे हैं। यह सम्मेलन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज (IISS) द्वारा आयोजित किया जाता है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, चीन की बढ़ती आक्रामकता, रूस-यूक्रेन युद्ध के वैश्विक प्रभाव और एशिया में जारी तनावपूर्ण हालातों पर केंद्रित होगा।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ सिंगापुर सुरक्षा सम्मेलन में होंगे शामिल
मैक्रों का उद्घाटन भाषण
Singapore security conference Shangri La: राष्ट्रपति मैक्रों शुक्रवार रात (30 मई 2025) को इस सम्मेलन की शुरुआत करेंगे। उनके भाषण में एशियाई सहयोगियों पर अमेरिका के नए शुल्कों का असर, रूस-यूक्रेन युद्ध का वैश्विक प्रभाव, चीन की नीतियों और भारत-पाक तनाव जैसे अहम मुद्दे उठाए जाने की उम्मीद है।
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चीन-अमेरिका तनाव की छाया
यह सम्मेलन उस समय हो रहा है जब अमेरिका और चीन के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित भारी शुल्कों (ट्रिपल डिजिट टैरिफ) के चलते चीन और अमेरिका के बीच आर्थिक और रणनीतिक टकराव और बढ़ गया है। इसके अलावा ताइवान की सुरक्षा को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है।
अमेरिका का यह रुख चीन की ताइवान पर संभावित कार्रवाई को रोकने की रणनीति के तहत है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उस पर सैन्य दबाव लगातार बढ़ा रहा है। हाल ही में चीन ने ताइवान के पास विमानवाहक पोत, सैन्य जहाज और निगरानी गुब्बारे तैनात किए हैं।
हेगसेथ का एशिया दौरा
Singapore security conference Shangri La: पीट हेगसेथ के लिए यह शांगरी-ला सम्मेलन पहली बार है। मार्च 2025 में वह फिलीपींस और जापान की यात्रा पर भी गए थे, जहां उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका का उद्देश्य किसी से युद्ध नहीं है लेकिन वह अपने हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
भारत-पाक तनाव और म्यांमार संकट
सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब एशिया के कई हिस्सों में अस्थिरता फैली हुई है। म्यांमार में जारी गृहयुद्ध और हाल की विनाशकारी भूकंप ने मानवीय संकट को और गहरा किया है। इसी सप्ताह थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद के चलते झड़प हुई जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई। वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच भी इसी महीने युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी।
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यूरोप की भूमिका और फ्रांस की भागीदारी
Singapore security conference Shangri La: जहां अमेरिका ‘फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक’ नीति के तहत ताइवान जलडमरूमध्य और दक्षिण चीन सागर में सैन्य गतिविधियाँ बढ़ा रहा है, वहीं यूरोपीय देश अधिकतर आर्थिक दृष्टिकोण से भागीदारी कर रहे हैं। फ्रांस ने हाल ही में पांच महीने लंबा नौसैनिक अभियान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पूरा किया है। फ्रांस ने अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति में नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, मैक्रों अपने भाषण में यह भी बताएंगे कि रूस-यूक्रेन युद्ध कैसे एशिया को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। चीन जहाँ रूस का समर्थन कर रहा है वहीं उत्तर कोरिया ने तो रूस के लिए सैनिक तक भेज दिए हैं।
Singapore security conference Shangri La डायलॉग 2025 से जुड़ी मुख्य बातें
विषय | विवरण |
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सम्मेलन का स्थान | सिंगापुर |
आयोजन संस्था | इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज (IISS) |
प्रमुख वक्ता | फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों |
अमेरिकी प्रतिनिधि | रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ |
प्रमुख मुद्दे | चीन की आक्रामकता, ताइवान की सुरक्षा, रूस-यूक्रेन युद्ध, म्यांमार संकट |
यूरोपीय सहभागिता | फ्रांस द्वारा इंडो-पैसिफिक में नौसैनिक अभियान |
चीन की भागीदारी | रक्षा मंत्री के स्थान पर निम्न-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल |
अन्य प्रमुख घटनाएं | भारत-पाक तनाव, थाई-कंबोडिया सीमा झड़प |