Trump Golden Dome inspired to iron dome:-अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई और महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा योजना की घोषणा की है, जिसका नाम ‘Golden Dome’ रखा गया है। यह योजना अमेरिका को लंबी दूरी की मिसाइलों और संभावित अंतरराष्ट्रीय खतरों से बचाने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है।

ट्रंप की ‘Golden Dome’ योजना: इज़राइल के ‘Iron Dome’ से मिली प्रेरणा
ट्रंप ने मंगलवार (20 मई, 2025) को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में इस योजना का ऐलान करते हुए बताया कि इसकी कुल लागत लगभग $175 बिलियन (करीब 14 लाख करोड़ रुपये) होगी। इस योजना के तहत पहली बार अमेरिकी हथियारों को अंतरिक्ष में तैनात किया जाएगा।
इज़राइल की रक्षा प्रणाली से मिली प्रेरणा
ट्रंप ने स्पष्ट रूप से बताया कि इस योजना की प्रेरणा उन्हें इज़राइल की बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली ‘Iron Dome’ से मिली है। इज़राइल की यह प्रणाली हाल ही में ईरान और हमास समर्थित संगठनों द्वारा किए गए रॉकेट और मिसाइल हमलों को रोकने में अत्यंत प्रभावी साबित हुई है।
‘Iron Dome’, ‘David’s Sling’ और ‘Arrow System’ जैसे तीन स्तरों पर आधारित यह ढांचा दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसी तरह, अमेरिका का ‘Golden Dome’ भी बहुस्तरीय और तकनीकी रूप से उन्नत ढांचे पर आधारित होगा, जो अंतरिक्ष में मिसाइल हमलों को रोक सकेगा।
2029 तक पूरी तरह सक्रिय हो सकती है प्रणाली
ट्रंप का दावा है कि यह प्रणाली 2029 तक पूरी तरह से सक्रिय और ऑपरेशनल हो जाएगी, यानी उनके मौजूदा राष्ट्रपति कार्यकाल के अंत तक। हालांकि अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना को लागू करने में इससे अधिक समय लग सकता है, विशेषकर अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती के संवेदनशील पहलुओं को ध्यान में रखते हुए।
अमेरिका की रणनीतिक सुरक्षा में बड़ा बदलाव
‘Golden Dome’ न केवल अमेरिका के लिए एक तकनीकी उपलब्धि होगी, बल्कि यह रणनीतिक सैन्य संतुलन को भी वैश्विक स्तर पर प्रभावित कर सकती है। चीन, रूस और अन्य देशों की अंतरिक्ष नीति के मद्देनज़र यह योजना एक प्रतिस्पर्धात्मक प्रतिक्रिया के रूप में भी देखी जा रही है।
इस कदम को ट्रंप प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है, जो भविष्य के संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहता है।