NATO के भविष्य पर उठा सवाल: ट्रंप के एक फ़ैसले से इन देशों पर मंडरा सकता है बड़ा ख़तरा: NATO जो काफी समय से दुनिया का सबसे शक्तिशाली संगठन बना हुआ है। लेकिन ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद जिस भी तरिके के फैसले लिए जा रहे है। जिसके बाद इस संगठन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। इसी मामले के लिए मार्क रटे ने मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाक़ात की और उनका मक़सद अमेरिका को नेटो के केंद्र में बरकरार रखना था।
जैसा कि हाल ही के दिनों में ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए रूस के साथ समझौते पर बल देने वाले बयान दिए हैं। यूक्रेन को अमेरिकी सैनिक सहायता बंद करने की धमकी भी दी। इसके चलते यूरोपीय देश अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि अमेरिकी सहायता के बिना वो ख़ुद इस समस्या से कैसे निपट सकते हैं ? जिसके लिए अब उनकी भी काफी मीटिंग हो रही है। ऐसी ही एक मीटिंग में फ्रांस ने अपने परमाणु हथियारों से यूरोप की रक्षा करने की बात की लेकिन इसे एक स्थायी समाधान के रूप में नहीं देखा जा सकता।

ट्रम्प -पुतिन और NATO
ट्रम्प की अब पुतिन से अब हुई नाराजगी: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर की। डोनाल्ड ट्रंप ने NBC News को दिए इंटरव्यू में कहा कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से काफ़ी नाराज़ और खिन्न हैं। उन्होंने कहा कि अगर पुतिन युद्ध विराम पर सहमत नहीं होते हैं, तो वो रूस से तेल ख़रीदने वाले देशों पर 50 फीसदी का ट्रैरिफ लगा सकते हैं। जैसा कि हम जानते हैं ऐसे देशों में भारत भी शामिल है।
ट्रंप ने कहा कि अगर रूस और अमेरिका यूक्रेन में खूनखराबा रोकने पर समझौता नहीं कर पाते हैं। मुझे लगता है कि यह रूस की गलती है तो मैं रूस से आने वाले सभी तेल पर अतिरिक्त टैरिफ़ लगा दूंगा। ट्रम्प ने आगे कहा कि पुतिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की विश्वसनीयता पर हमला किया है और पिछले हफ़्ते ही पुतिन ने यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की देख रेख में एक नई सरकार की संभावना पर सलाह दी थी। ताकि देश में नए चुनाव कराए जाएं। उसके बाद शांति समझौते पर बातचीत शुरू हो।
ट्रंप की नाराज़गी वाले बयान के बाद आया रूस का बयान
ट्रंप की नाराज़गी वाले बयान के बाद आया रूस का बयान: ट्रम्प ने हाल ही में जो पुतिन के खिलाफ बयान दिया था उसके बाद रूस की पहली प्रतिक्रिया आई है। रुसी प्रवक्ता ने बताया कि वह अभी भी अमेरिका के साथ काम कर रहा है। प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा कि हम अमेरिकी पक्ष के साथ काम करना जारी रखेंगे और सबसे पहले अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।
आगे कहा कि इस हफ़्ते पुतिन और ट्रंप के बीच बातचीत की कोई योजना नहीं है लेकिन (बातचीत) ज़रूरी होने पर पुतिन इसके लिए तैयार हैं। ट्रंप की ओर से रूसी राष्ट्रपति की आलोचना पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में क्रेमलिन ने दोनों नेताओं के बीच तनाव को कम करने की कोशिश की है।