भारत के महान क्रिकेटर विराट कोहली ने हाल ही में अपने 14 साल लंबे टेस्ट करियर को विराम दिया। इस लंबे और शानदार सफर में विराट ने कई उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन एक ऐसा भी समय था जब उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। खासकर साल 2014 में इंग्लैंड दौरा उनके करियर का सबसे बुरा दौर साबित हुआ था।

विराट कोहली के टेस्ट करियर का सबसे कठिन दौर और वापसी की प्रेरक कहानी
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में जब अपने करियर की शुरुआत की, तो वह लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। अपनी पहली 41 पारियों में ही उन्होंने 1,721 रन बना लिए थे और उनका औसत करीब 46.51 था। लेकिन साल 2014 में जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई, तब कोहली का बल्ला लगभग खामोश हो गया।
इस सीरीज में कोहली 10 पारियों में केवल 134 रन बना सके। उनका सर्वोच्च स्कोर सिर्फ 39 रन था। यह आंकड़ा तब और भी चौंकाने वाला हो गया जब पता चला कि पूरे दौरे में उनका औसत केवल 13.4 रह गया। यह एक ऐसे खिलाड़ी के लिए बेहद कठिन समय था, जिसे दुनिया ने रन मशीन के रूप में देखा था। इस सीरीज के बाद उनका टेस्ट औसत भी गिरकर 39.47 पर पहुंच गया था।
सिर्फ 4 महीने बाद बदली कहानी
इंग्लैंड दौरे की निराशा के बाद कई लोगों ने विराट को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे, लेकिन विराट ने अपने आलोचकों को जवाब देने के लिए ज्यादा इंतज़ार नहीं कराया। इसी साल के अंत में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, जहां कोहली ने अपने करियर की सबसे बेहतरीन सीरीज में से एक खेली।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में विराट कोहली ने 8 पारियों में 692 रन बनाए, और उनका औसत रहा 86.50। इस सीरीज में उन्होंने चार शतक और एक अर्धशतक लगाया।
जहां इंग्लैंड में विराट के बल्ले से एक अर्धशतक तक नहीं निकल पाया था, वहीं ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने यह दिखा दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में खुद को कैसे दोबारा साबित कर सकते हैं।
विराट की विरासत
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का सफर केवल रनों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने अपनी कप्तानी और मैदान पर जोश से भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने टेस्ट में कुल 9,230 रन, 29 शतक और 29 अर्धशतक बनाए।
उनका सफर यह बताता है कि एक सच्चा खिलाड़ी वही होता है जो मुश्किल दौर में भी हार नहीं मानता और अपनी गलतियों से सीखकर और मजबूत बनकर लौटता है। विराट कोहली का टेस्ट करियर क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा — जिसमें संघर्ष है, गिरावट है, और अंत में ज़बरदस्त वापसी की कहानी भी।