हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक—ऑपरेशन सिंदूर—ने एक बार फिर भारत-पाक संबंधों को गरमा दिया है। इस ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। जबकि देशभर में इस कार्रवाई की सराहना हो रही है, वहीं एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है—बॉलीवुड के ज्यादातर सितारे पाकिस्तान के खिलाफ चुप क्यों हैं?

पाकिस्तान पर चुप क्यों हैं बॉलीवुड एक्टर्स? गदर डायरेक्टर अनिल शर्मा ने दी वजह
इसी मुद्दे पर मशहूर फिल्म गदर के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने एक इंटरव्यू में खुलकर बात की और बॉलीवुड की चुप्पी की वजह को “चौंकाने वाला” बताया।
आतंक के खिलाफ आवाज क्यों नहीं?
Zee News को दिए एक इंटरव्यू में जब अनिल शर्मा से पूछा गया कि बॉलीवुड क्यों पाकिस्तान के खिलाफ कुछ नहीं बोलता, तो उन्होंने दो टूक कहा:
“जिस दिन ऑपरेशन सिंदूर हुआ, मैंने उसी दिन पोस्ट डाली थी। क्योंकि आतंकवाद किसी भी रूप में बुरा है, चाहे वो किसी भी देश से जुड़ा हो। जो देश आतंकवाद का साथ दे, वो सही हो ही नहीं सकता।”
अनिल शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर कोई देश आतंकियों को पनाह देता है, उन्हें समर्थन देता है, तो उसके खिलाफ बोलना हर जिम्मेदार नागरिक और कलाकार का कर्तव्य है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान के कुछ कलाकार भी भारत के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं, लेकिन इसपर भारत से खास प्रतिक्रिया नहीं आती।
सेना के अफसर शामिल थे आतंकियों के जनाजे में
अनिल शर्मा ने इस बात पर भी रोशनी डाली कि पाकिस्तान के कुछ बड़े सैन्य अधिकारी हाल ही में मारे गए आतंकियों के जनाजों में शामिल हुए। उनके अनुसार, इससे यह संकेत गया कि पाकिस्तान की सेना सीधे तौर पर इन आतंकियों से जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा,“जो टीवी पर दिख रहा था उससे इमोशन से ज्यादा ये लग रहा था कि वे दिखाना चाह रहे थे कि हम आतंकियों के साथ हैं। ऐसा लग रहा था जैसे आतंकवादियों की फैक्ट्री को ही तोड़ा गया हो।”
उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि आतंकवाद पाकिस्तान में केवल छुपा हुआ एजेंडा नहीं, बल्कि खुले तौर पर पनपाया जा रहा है।
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बॉलीवुड की चुप्पी: डर या मजबूरी?
अनिल शर्मा का सवाल बेहद सटीक था—क्या बॉलीवुड को पाकिस्तान का नाम लेने से डर लगता है? उन्होंने इस बात पर भी नाराज़गी जताई कि सोशल मीडिया पर बमुश्किल ही किसी बड़े सितारे ने पाकिस्तान का नाम लेकर आतंक के खिलाफ आवाज उठाई।
उन्होंने यह भी कहा कि जब देश के खिलाफ कोई साजिश हो रही हो, जब निर्दोष लोग मारे जा रहे हों, तो एक कलाकार का कर्तव्य होता है कि वह सही के साथ खड़ा हो और गलत के खिलाफ बोलने का साहस दिखाए।
बॉलीवुड और ट्रेड से करना चाहिए बायकॉट
अनिल शर्मा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जो भी लोग आतंक के समर्थक देशों के साथ खड़े होते हैं, चाहे वे कलाकार हों या व्यवसायी, उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और व्यापारिक जगत से बायकॉट कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “ये जो संदेश आ रहा है, कि पाकिस्तान के कलाकार और अधिकारी आतंकियों के साथ खड़े हैं, ये बहुत खतरनाक संकेत है। ये पूरे विश्व के लिए ठीक नहीं है। भारत को ऐसे लोगों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए।”
निष्कर्ष: कला और राष्ट्रभक्ति साथ चल सकते हैं
अनिल शर्मा का यह बयान न सिर्फ एक डायरेक्टर की सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि राष्ट्रहित और कला एक साथ चल सकते हैं। जब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो उस पर चुप रहना सिर्फ कायरता नहीं, बल्कि देश के लिए घातक भी हो सकता है।
बॉलीवुड एक ऐसा मंच है जिसकी पहुंच लाखों-करोड़ों लोगों तक है। ऐसे में अगर इसके सितारे सही संदेश देने से चूक जाते हैं, तो यह केवल एक चूक नहीं, बल्कि एक संवेदनशील चुप्पी बन जाती है।
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