भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत ने देश को झकझोर दिया। इस हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई की रात पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों में स्कैल्प और हैमर जैसी आधुनिक एयर-टू-सर्फेस मिसाइलों का उपयोग किया गया। लेकिन इस पूरे ऑपरेशन में सबसे अहम सवाल यह बना रहा कि पाकिस्तान इन मिसाइलों को रोक क्यों नहीं पाया।

पाकिस्तान क्यों नहीं रोक पाया भारत की मिसाइलें?
इसका मुख्य कारण पाकिस्तान की कमजोर एयर डिफेंस क्षमता है। जहां इजरायल जैसे देशों के पास ‘आयरन डोम’ और ‘डेविड स्लिंग’ जैसे अत्याधुनिक सिस्टम हैं, वहीं पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम बेहद सीमित है। भारत द्वारा उपयोग की गई स्कैल्प और हैमर मिसाइलें हवा से जमीन पर हमला करती हैं, और पाकिस्तान के पास इन मिसाइलों को रोकने के लिए कोई प्रभावी एयर-टू-सर्फेस डिफेंस तकनीक नहीं है।
स्कैल्प मिसाइल फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा विकसित एक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है, जबकि हैमर मिसाइल फ्रांसीसी कंपनी SAFRAN द्वारा मीडियम रेंज के हमले के लिए डिजाइन की गई है। इन दोनों मिसाइलों की गति और दिशा बदलने की क्षमता इतनी उन्नत है कि पारंपरिक एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें पहचानने और रोकने में विफल रहता है।
पाकिस्तान के पास चीन द्वारा प्रदान किया गया HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन यह सिस्टम भी ऑपरेशन सिंदूर में भारत के ‘हार्पी’ ड्रोन अटैक से नष्ट कर दिया गया। इसके उलट भारत के पास रूस का आधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है, जो तकनीकी रूप से पाकिस्तान के किसी भी सिस्टम से कहीं अधिक शक्तिशाली और सटीक है।
इन हालातों ने पाकिस्तान की सीमित सैन्य क्षमताओं को उजागर कर दिया है। भारत की जवाबी कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और हर हमले का जवाब उसी स्तर पर मिलेगा।