AAP MLA Umesh Makwana Resgine- गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका तब लगा जब बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और बाद में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 5 साल के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि AAP ने पिछड़े वर्गों (OBC) के मुद्दों को कभी गंभीरता से नहीं उठाया, जिससे वह बेहद निराश हैं।

AAP MLA Umesh Makwana Resgine – मकवाना ने छोड़े सभी पद, विधायक पद पर फैसला जल्द
26 जून, 2025 को गांधीनगर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मकवाना ने घोषणा की कि वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और विधानसभा में पार्टी व्हिप पद से इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह फिलहाल विधायक बने रहेंगे और अपने क्षेत्र के लोगों से सलाह लेकर आगे का निर्णय लेंगे, ताकि जनता को नुकसान न हो।
AAP विधायक उमेश मकवाना का इस्तीफा, पार्टी से 5 साल के लिए निलंबित – OBC उपेक्षा का आरोप
मकवाना, जो कि कोली समुदाय से आते हैं, ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी — सभी ने ओबीसी वर्ग को केवल चुनाव के समय याद किया और सत्ता या संगठन में महत्वपूर्ण पद देने से हमेशा किनारा किया। उन्होंने कहा,
“गुजरात में ओबीसी और कोली समुदाय की जनसंख्या सबसे अधिक है, फिर भी आज तक न तो बीजेपी ने और न कांग्रेस ने किसी ओबीसी को मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष बनाया। AAP भी उसी रास्ते पर चल रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि केवल डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीरें लगाने से कोई पार्टी सामाजिक न्याय की प्रतीक नहीं बन सकती, जब तक वह उनके बताए रास्तों पर न चले।
गोपल इटालिया को प्राथमिकता, दलित उम्मीदवार उपेक्षित
AAP MLA Umesh Makwana Resgine मकवाना ने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए विशवद्र उपचुनाव में AAP ने पूरी ताकत झोंक दी क्योंकि वहां से गोपाल इटालिया (पाटीदार समुदाय) उम्मीदवार थे। वहीं, कड़ी सीट (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) से जगदीश चावड़ा को पार्टी ने समर्थन नहीं दिया, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह दलित समुदाय से आते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया,“चावड़ा ने चुनाव लड़ने के लिए 10 लाख रुपये का कर्ज लिया, लेकिन पार्टी ने कोई सहायता नहीं दी। यह दोहरी नीति क्यों?”
आप की सफाई और सख्त कार्रवाई
AAP MLA Umesh Makwana Resgine – मकवाना के बयान और इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद AAP के गुजरात अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने उन्हें 5 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि मकवाना ने पार्टी विरोधी और ‘गुजरात विरोधी’ गतिविधियों में भाग लिया है।
उल्लेखनीय है कि उमेश मकवाना, 2022 के विधानसभा चुनावों में AAP के पांच विजयी विधायकों में से एक थे। उनका यह कदम ऐसे समय आया है जब AAP ने हाल ही में विशवद्र सीट पर उपचुनाव जीतकर अपनी पकड़ मजबूत की थी।
AAP MLA Umesh Makwana Resgine – आगे की रणनीति पर विचार
मकवाना ने कहा कि वे जल्द ही ओबीसी नेताओं की एक बैठक बुलाने वाले हैं, जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने संकेत दिए कि वह राजनीति में कोई नया कदम उठा सकते हैं या कोई नया मंच तैयार कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल कुछ भी तय नहीं है।
निष्कर्ष (AAP MLA Umesh Makwana Resgine)
गुजरात की राजनीति में यह घटनाक्रम न केवल आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या आज भी सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की भागीदारी केवल नारों तक सीमित है? उमेश मकवाना का विद्रोह आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है।