India in Global Tech List -सेमीकंडक्टर और एआई में पिछड़ रहा भारत, अमेरिका-चीन ने दिखाई तकनीकी ताकत
India in Global Tech List – एक नई वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया की पांच सबसे महत्वपूर्ण और उभरती तकनीकी क्षेत्रों—सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी, स्पेस और क्वांटम—में अमेरिका, चीन और यूरोप से काफी पीछे है।

India in Global Tech List –सेमीकंडक्टर और एआई में पिछड़ रहा भारत
यह आकलन “क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी इंडेक्स” के ज़रिए किया गया, जो 25 देशों की तुलना इन पाँच तकनीकी क्षेत्रों में करता है। यह सूचकांक सार्वजनिक और व्यावसायिक डेटा के आधार पर तैयार किया गया है और यह नीति निर्माताओं को इन क्षेत्रों में देशों की ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करने में मदद करता है।
किस तकनीक को मिला कितना महत्व?
India in Global Tech List – इस रिपोर्ट में विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों को उनके रणनीतिक महत्व के अनुसार वेटेज दिया गया है:
| तकनीक | वेटेज (%) |
|---|---|
| सेमीकंडक्टर | 35% |
| आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) | 25% |
| बायोटेक्नोलॉजी | 20% |
| स्पेस टेक्नोलॉजी | 15% |
| क्वांटम टेक्नोलॉजी | 5% |
भारत को कुल 15.2 अंक मिले हैं, जो कि फ्रांस से नीचे लेकिन रूस, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से ऊपर है।
India in Global Tech List- (नई वैश्विक रिपोर्ट में खुलासा: 5 अहम तकनीकों में भारत टॉप 3 से बहुत पीछे)
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अमेरिका सभी पाँच तकनीकी क्षेत्रों में शीर्ष पर है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं – भारी निवेश, मजबूत अनुसंधान ढांचा और सरकार, उद्योग व शिक्षा जगत का सहयोगी नवाचार तंत्र।
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चीन खासकर बायोटेक्नोलॉजी और क्वांटम में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी सेमीकंडक्टर और उन्नत AI में विदेशी तकनीक पर निर्भर है।
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यूरोप तीसरे स्थान पर है, लेकिन वह सेमीकंडक्टर और स्पेस क्षेत्रों में पिछड़ रहा है।
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भारत तकनीकी क्षमता में लगातार विकास कर रहा है लेकिन अभी वैश्विक नेताओं से दूरी बनी हुई है, खासकर चिप डिजाइन, निर्माण, और उच्चस्तरीय एआई अनुसंधान में।
तकनीकी विश्लेषण के स्तंभ
India in Global Tech List- रिपोर्ट में हर तकनीकी क्षेत्र को विश्लेषण के लिए विशिष्ट पिलर (स्तंभ) दिए गए हैं:
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AI: टैलेंट, फंडिंग, एल्गोरिद्म, कंप्यूटिंग पॉवर और डेटा प्रमुख कारक हैं। अमेरिका इस क्षेत्र में भारी अंतर से आगे है।
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बायोटेक: मानव संसाधन, फार्मास्युटिकल उत्पादन, जेनेटिक इंजीनियरिंग, वैक्सीन अनुसंधान प्रमुख पिलर हैं।
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सेमीकंडक्टर: चिप डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, उपकरण और सामग्री पर फोकस। इसमें ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया यूरोप से भी आगे हैं।
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स्पेस: लॉन्च क्षमता, नेविगेशन, टेलीकॉम और रक्षा क्षमताएँ मुख्य हैं। रूस तीसरे स्थान पर और भारत सातवें पर है।
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क्वांटम: फंडिंग, कोर टेक्नोलॉजी और टैलेंट प्राथमिक भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष (India in Global Tech List)
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भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के लिए सेमीकंडक्टर, एआई और क्वांटम क्षेत्रों में तेजी से निवेश बढ़ाना होगा।
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अमेरिका तकनीकी जगत में अभी भी बिना किसी प्रतिस्पर्धा के नेता बना हुआ है।
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चीन की योजना आधारित रणनीति और यूरोप की स्थिर विज्ञान शक्ति को चुनौती देना भारत के लिए बड़ी चुनौती है।
Source: The Hindu