मणिरत्नम और कमल हासन की 36 साल बाद धमाकेदार वापसी- मुंबई में मंगलवार, 20 मई 2025 की शाम को ‘Thug Life’ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ। इस मौके पर मशहूर अभिनेता और निर्माता कमल हासन, निर्देशक मणिरत्नम, सह-कलाकार सिलंबरासन (STR) और संगीतकार ए.आर. रहमान भी मौजूद थे। यह फिल्म कमल हासन और मणिरत्नम की 36 साल बाद साथ में वापसी है। इससे पहले दोनों ने ‘Nayakan’ जैसी क्लासिक फिल्म में साथ काम किया था।

कमल हासन की ‘Thug Life’ को मिलेगा पूरा थिएटर रन: 8 हफ्तों तक नहीं आएगी ओटीटी पर
5 जून को होगी ‘Thug Life’ की सिनेमाघरों में रिलीज
‘Thug Life’ एक भावनात्मक और भव्य गैंगस्टर ड्रामा है, जिसमें कमल हासन, STR, त्रिशा कृष्णन और अन्य बड़े सितारे नजर आएंगे। फिल्म 5 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी और उसके बाद 8 हफ्तों के थिएटर रन के बाद ही ओटीटी पर आएगी। यह फिल्म Netflix पर स्ट्रीम की जाएगी।
8 हफ्तों की थिएटर विंडो का निर्णय: क्यों है खास?
कमल हासन ने ट्रेलर लॉन्च के दौरान कहा,
“यह आठ हफ्तों की थिएटर विंडो का फैसला एक व्यावहारिक कदम है। यह न केवल फिल्म निर्माताओं के लिए बल्कि थिएटर मालिकों और दर्शकों के लिए भी फायदेमंद है। हमें उम्मीद है कि और भी फिल्में इस मॉडल को अपनाएंगी।”
इसका सीधा मतलब है कि ‘Thug Life’ को सिनेमाघरों में एक पूरा समय मिलेगा, बिना ओटीटी रिलीज के दबाव के। इससे थिएटर व्यवसाय को मजबूती मिलेगी और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को अपना पूरा पोटेंशियल दिखाने का मौका मिलेगा।
ओटीटी बनाम थिएटर की बहस में नया अध्याय
बीते कुछ वर्षों में कई फिल्मों को थिएटर में रिलीज के कुछ ही हफ्तों में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम कर दिया गया, जिससे सिनेमा हॉलों को नुकसान झेलना पड़ा। लेकिन ‘Thug Life’ जैसी बड़ी फिल्म का आठ हफ्तों तक ओटीटी से दूरी बनाना, इस पुराने सिस्टम की वापसी का संकेत देता है।
कमल हासन का मानना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की अपनी अहमियत है, लेकिन थिएटर का अनुभव कभी उसकी जगह नहीं ले सकता। इस मॉडल से न सिर्फ फिल्म की कमाई बढ़ेगी, बल्कि फिल्म देखने का क्लासिक अनुभव भी जीवित रहेगा।
मार्केटिंग और बिजनेस के नजरिए से समझदारी भरा फैसला
कमल हासन ने कहा कि यह फैसला सिर्फ कला के लिए नहीं, बल्कि एक स्मार्ट बिजनेस मूव भी है। थिएटर मालिकों को एक निश्चित समय तक फिल्म दिखाने का लाभ मिलेगा, और उसके बाद जब फिल्म ओटीटी पर आएगी, तो वह एक नई ऑडियंस को जोड़ सकेगी।
इसके अलावा, लंबे थिएटर रन से फिल्म को word-of-mouth से भी फायदा मिलेगा और दर्शकों के बीच उसका ब्रांड वैल्यू मजबूत होगा।
संगीत और कास्ट की चर्चा
ए.आर. रहमान का संगीत फिल्म की आत्मा माना जा रहा है। वहीं STR और त्रिशा जैसे कलाकार फिल्म की भावनात्मक परतों को और गहराई देंगे। ट्रेलर में दिखाए गए एक्शन सीक्वेंस, संवाद और बैकग्राउंड स्कोर ने पहले ही दर्शकों में उत्साह बढ़ा दिया है।
क्या फिल्म इंडस्ट्री इस उदाहरण को अपनाएगी?
कमल हासन और मणिरत्नम जैसे दिग्गजों द्वारा लिया गया यह निर्णय निश्चित ही आने वाले समय में एक नई दिशा तय कर सकता है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो भारतीय फिल्म उद्योग में थिएटर और ओटीटी के बीच नया संतुलन बन सकता है।
निष्कर्ष:
‘Thug Life’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। 8 हफ्तों की थिएटर विंडो न केवल एक समझदारी भरा कदम है, बल्कि फिल्म की कला, व्यवसाय और थिएटर संस्कृति का सम्मान भी है। अब देखना ये है कि क्या बाकी फिल्में भी इस मॉडल को अपनाकर दर्शकों को फिर से सिनेमाघरों की ओर खींच पाएंगी।