प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि भारत किसी भी प्रकार की परमाणु धमकी या दबाव के सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि संघर्षविराम केवल एक अस्थायी विराम है।

परमाणु धमकी नहीं चलेगी, आतंक के खिलाफ भारत का स्पष्ट संदेश
यह उनका इस सैन्य अभियान के आरंभ (7 मई) के बाद पहला औपचारिक बयान था। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ अब किसी तरह की नरमी नहीं बरतेगा। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना इशारा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में उसके व्यवहार का आकलन किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर अगली कार्रवाई की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत ने अब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक “नया सामान्य” (New Normal) स्थापित कर लिया है। इसका मतलब है कि जब भी भारत पर आतंकवादी हमला होगा, तब भारत उसी भाषा में जवाब देगा जो आतंकवादी और उनके समर्थक समझते हैं।
उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि भारत की सुरक्षा प्राथमिकता है और हर संभव कदम उठाए जाएंगे ताकि सीमाओं पर शांति बनी रहे, लेकिन यह शांति भारत की मजबूरी नहीं बल्कि उसकी शक्ति की पहचान होगी।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि शांति और बातचीत की पहल तभी संभव है जब दूसरी तरफ से आतंकवाद को प्रोत्साहन देना बंद किया जाए। भारत अब केवल बातों पर भरोसा नहीं करेगा, बल्कि कार्रवाई के आधार पर ही संबंधों का निर्धारण करेगा।
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उन्होंने देश की सेना और सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा कि भारत के जवानों ने अद्वितीय साहस और संयम का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने यह साबित किया है कि वह न सिर्फ आतंक के खिलाफ खड़ा है, बल्कि अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार है।
अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की कि वे धैर्य रखें और सरकार पर भरोसा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि आने वाले दिन यह तय करेंगे कि शांति बनी रहेगी या भारत को फिर से निर्णायक कदम उठाने पड़ेंगे।