Saket Lockup Murder Case 5 जून 2025 को दिल्ली के साकेत कोर्ट के लॉकअप में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसने न्यायिक परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए। तिहाड़ जेल नंबर 8 से पेशी के लिए लाए गए तीन कैदियों—अमन, जीतेंद्र और जयदेव—को लॉकअप नंबर 5 में रखा गया था। यहां किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जो इतना बढ़ गया कि जीतेंद्र और जयदेव ने मिलकर अमन पर हमला कर दिया। अमन को गंभीर चोटें आईं और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

साकेत कोर्ट लॉकअप में हत्या: न्यायिक सुरक्षा पर उठे सवाल
Saket Lockup Murder Case इस घटना ने न्यायिक परिसरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां अदालतों को सुरक्षित स्थान माना जाता है, वहां इस तरह की घटना का होना चिंताजनक है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच जारी है।
पुरानी रंजिश बनी हत्या का कारण
Saket Lockup Murder Case प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अमन और जीतेंद्र के बीच पुरानी दुश्मनी थी। साल 2024 में, जब दोनों जेल से बाहर थे, तब अमन ने कथित तौर पर जीतेंद्र और उसके भाई पर चाकू से हमला किया था। इस पुरानी रंजिश ने लॉकअप में इस हिंसक झड़प को जन्म दिया।
न्यायिक परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता
यह घटना केवल एक isolated incident नहीं है; इससे पहले भी दिल्ली के न्यायिक परिसरों में सुरक्षा चूक के मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2023 में साकेत कोर्ट परिसर में एक वकील ने एक महिला पर गोली चला दी थी, जिससे वह घायल हो गई थी। इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि न्यायिक परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता
Saket Lockup Murder Case : साकेत कोर्ट के लॉकअप में हुई यह घटना न केवल न्यायिक परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैदियों के बीच पुरानी रंजिशें कितनी घातक हो सकती हैं। आवश्यक है कि जेल और कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।