Trump banned foreign citizen : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने पहले कार्यकाल की विवादास्पद नीति को दोहराते हुए 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह घोषणा 5 जून 2025 को एक आधिकारिक घोषणा पत्र (प्रोक्लेमेशन) के माध्यम से की गई।

ट्रंप का नया यात्रा प्रतिबंध: 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर रोक
इस प्रतिबंध के तहत अफगानिस्तान, बर्मा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यह प्रतिबंध सोमवार, 9 जून 2025 की आधी रात से प्रभावी होगा। ट्रंप ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाया गया कदम बताया है।
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ट्रंप की नई नीति: अफगानिस्तान-ईरान समेत दर्जनों देशों पर अमेरिका यात्रा प्रतिबंध
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह कदम एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) के बाद उठाया है, जो उन्होंने 20 जनवरी 2025 को पारित किया था। इस आदेश में अमेरिकी विदेश विभाग, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक को यह निर्देश दिया गया था कि वे उन देशों की पहचान करें जिनके नागरिक अमेरिका के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं या जिनका अमेरिका के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रहा है।
इन 12 देशों के अलावा, कुछ अन्य देशों — बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला — पर भी सख्त निगरानी और प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह प्रतिबंध वीज़ा की प्रक्रियाओं, आव्रजन तथा अन्य यात्रा श्रेणियों को प्रभावित कर सकते हैं।
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क्या यह फिर “मुस्लिम बैन” है? ट्रंप के नए प्रतिबंधों की आलोचना शुरू
यह नई घोषणा ट्रंप की 2017 की उस नीति की याद दिलाती है जब उन्होंने अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में सात मुस्लिम बहुल देशों — इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन — के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। उस समय इस फैसले की पूरी दुनिया में आलोचना हुई थी और इसे “मुस्लिम बैन” कहा गया था।
Trump banned foreign citizen हालांकि ट्रंप और उनके समर्थकों का कहना है कि यह कदम धर्म आधारित नहीं है बल्कि अमेरिका की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। फिर भी, आलोचकों का मानना है कि यह कदम फिर से उसी कट्टर सोच को दर्शाता है जो 2016 के चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिमों पर खुले प्रतिबंध की मांग से शुरू हुई थी।
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अमेरिका की सुरक्षा या वैश्विक अलगाव? ट्रंप के प्रतिबंधों पर उठ रहे सवाल
Trump banned foreign citizen राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी घोषणा में कहा, “मुझे अमेरिका और इसके नागरिकों की राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा करनी होगी।” यह कथन उस नीति की बुनियाद बन रहा है जिसके तहत कई देशों को एक ही झटके में “सुरक्षा जोखिम” के दायरे में डाल दिया गया है। इससे पहले 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एक संशोधित यात्रा प्रतिबंध को वैध ठहराया था, जिसमें उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के कुछ अधिकारियों को भी शामिल किया गया था।
Trump banned foreign citizen प्रभावित देश और विशेष जानकारी :
श्रेणी | विवरण |
---|---|
पूर्ण यात्रा प्रतिबंध | अफगानिस्तान, बर्मा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, यमन |
अतिरिक्त निगरानी | बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला |
प्रभावी तिथि | सोमवार, 9 जून 2025, रात 12:01 बजे से |
आधिकारिक कारण | अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना |
आलोचनात्मक नाम | “मुस्लिम बैन” (2017 की नीति के सन्दर्भ में) |
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप की यह नई नीति निश्चित रूप से उनके पिछले कार्यकाल की रणनीतियों की याद दिलाती है। जहां एक ओर अमेरिका की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक कदम बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह वैश्विक स्तर पर विभाजन और भेदभाव का विषय बन गया है।
यदि यह प्रतिबंध स्थायी रूप से लागू होता है, तो इसका असर न केवल प्रभावित देशों के नागरिकों पर पड़ेगा, बल्कि अमेरिका की वैश्विक छवि और कूटनीतिक संबंधों पर भी पड़ सकता है।