Modi Trump Talk on Pakistan : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 17 जून 2025 को स्पष्ट शब्दों में बताया कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है, न अब करता है और न ही भविष्य में करेगा। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से 35 मिनट की फोन वार्ता के दौरान कही, जिसकी जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को दी।

भारत ने कभी नहीं मानी मध्यस्थता, न अब मानेगा: पीएम मोदी का ट्रंप को स्पष्ट संदेश
यह बातचीत उस मुलाकात की जगह हुई जो जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप को ईरान-इजराइल संघर्ष के कारण जल्द अमेरिका लौटना पड़ा। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष कम होने का श्रेय अमेरिका को दिया था, जिस पर भारत ने स्पष्ट किया कि यह चर्चा भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधे हुई थी, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।
Modi Trump Talk on Pakistan सीधे संवाद से सुलझाया मामला
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से कहा कि पाकिस्तान की ओर से बातचीत की पहल की गई थी और भारत ने सैन्य चैनलों के ज़रिए सीधे बात कर शांति स्थापित की। “भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के सैन्य ऑपरेशन निदेशकों के बीच सीधे संवाद से ही संघर्ष विराम हुआ है,” मिस्री ने बताया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को अप्रैल 22 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया की पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद को किसी “प्रॉक्सी वॉर” के रूप में नहीं बल्कि एक पूर्ण युद्ध के रूप में देखता है। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत भारत ने 6-7 मई की रात को केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जो पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित थे।
मोदी ने कहा कि भारत की कार्रवाई सटीक, सीमित और गैर-उत्तेजक रही। “यदि पाकिस्तान गोली चलाएगा, तो भारत गोले बरसाएगा,” यह स्पष्ट संदेश मोदी ने ट्रंप को दिया।
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पाकिस्तान की चेतावनी और भारत की प्रतिक्रिया
Modi Trump Talk on Pakistan: 9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी से बात की थी और आशंका जताई थी कि पाकिस्तान कोई बड़ा हमला कर सकता है। मोदी ने स्पष्ट कहा कि ऐसा हुआ तो भारत और कठोर जवाब देगा। और हुआ भी यही — 9-10 मई की रात भारत ने पाकिस्तान की सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया, उनके एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया।
मोदी ने ट्रंप को बताया कि इस कड़ी जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई थी।
अमेरिकी समर्थन और भविष्य की योजनाएं
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में समर्थन जताया और पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया। हालांकि मोदी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण असमर्थता जताई, दोनों नेताओं ने भविष्य में मुलाकात का इरादा जताया।
बातचीत में ईरान-इजराइल संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत के “क्वाड” में भूमिका जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने और क्वाड को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताई। पीएम मोदी ने अगली क्वाड बैठक के लिए ट्रंप को भारत आने का न्योता भी दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया।
भारत की विदेश नीति: आत्मनिर्भरता और स्पष्टता
प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप से बातचीत एक बार फिर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर अडिग रुख को दर्शाती है। आतंकवाद को लेकर भारत अब किसी तरह की नरमी नहीं बरतने वाला है और पाकिस्तान को भी यह स्पष्ट संकेत मिल चुका है कि भारत अब जवाबी नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार है।
मोदी सरकार की नीति है कि किसी भी संघर्ष या वार्ता में भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नहीं मानेगा। यह दृष्टिकोण भारत की संप्रभुता और कूटनीतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
निष्कर्ष: पीएम मोदी और ट्रंप की यह बातचीत ना केवल भारत की सख्त आतंकरोधी नीति को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्वतंत्र और स्पष्ट विदेश नीति की भी झलक देती है। भारत अब किसी भी साजिश का शिकार नहीं बनेगा, बल्कि ठोस कदमों से अपनी सुरक्षा और हितों की रक्षा करेगा।