सोना, जो हाल ही में एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर था, अब 92,000 रुपये के नीचे फिसल चुका है। 16 मई को MCX पर जून गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स में 1% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में आई नरमी, मजबूत डॉलर और फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण आई है।

सोने की कीमतों में गिरावट, क्या 10 ग्राम की कीमत 85,000 तक जा सकती है? (Gold Prce Fall Reason)
अमेरिका-चीन में टैरिफ नरमी और निवेशकों का रुख बदला
सोने को आमतौर पर एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन जब वैश्विक तनाव कम होता है, तो निवेशक जोखिम वाले एसेट्स की ओर बढ़ते हैं। यही स्थिति अब देखने को मिल रही है। अमेरिका और चीन ने आपसी सहमति से 90 दिनों के लिए टैरिफ में राहत दी है, जिससे वैश्विक व्यापार को स्थिरता मिली है और सोने की चमक कुछ फीकी हो गई है।
डॉलर की मजबूती ने भी सोना किया महंगा
डॉलर इंडेक्स लगातार चौथे हफ्ते मजबूत हो रहा है, जिससे अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोना महंगा होता जा रहा है। इसका सीधा असर सोने की अंतरराष्ट्रीय मांग पर पड़ा है। अमेरिकी बाजार में स्पॉट गोल्ड 3,210.19 डॉलर प्रति औंस तक फिसल चुका है, जो इस सप्ताह की लगभग 3% गिरावट को दर्शाता है। यह नवंबर 2024 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट मानी जा रही है।
फेड की सख्ती और ब्याज दरें
US फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। इससे बुलियन मार्केट में निवेशकों का उत्साह कम हो गया है। जब ब्याज दरें ऊंची रहती हैं, तो सोने पर कैरी कॉस्ट (लागत) बढ़ जाती है, जिससे यह कम आकर्षक हो जाता है।
टेक्निकल एनालिसिस: कितना और गिरेगा सोना?
विशेषज्ञों के मुताबिक, सोना अब 50-दिनों की मूविंग एवरेज के निचले सिरे पर है, जो अब तक सपोर्ट का काम कर रहा था। अगर यह सपोर्ट टूटता है, तो गिरावट और गहरी हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, 3,136 डॉलर प्रति औंस एक महत्वपूर्ण स्तर है। इसके नीचे जाने पर सोना 2,875–2,950 डॉलर तक जा सकता है।
भारतीय बाजार की बात करें तो जब तक सोने की कीमत 94,000 रुपये से नीचे है, कमजोरी बनी रहेगी। अगर यह 89,500 रुपये का स्तर भी तोड़ता है, तो अगला प्रमुख सपोर्ट 85,000 रुपये पर माना जा रहा है।
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निवेशकों के लिए सलाह: सतर्कता या मौका?
डॉलर टर्म्स में देखा जाए तो सोना 2,940 डॉलर पर सपोर्ट और 3,320 डॉलर पर रेजिस्टेंस का सामना कर रहा है। निवेशकों को इसी दायरे में होने वाली हलचल पर नजर रखनी चाहिए।
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लॉन्ग टर्म निवेशक: इस गिरावट को एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है। अगर आपकी निवेश रणनीति लंबी अवधि की है, तो मौजूदा दाम पर खरीदारी फायदेमंद हो सकती है।
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शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स: बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। ट्रेंड रिवर्सल की संभावना भी बनी हुई है, इसलिए जल्दबाज़ी में कोई कदम न उठाएं।
निष्कर्ष
अमेरिका-चीन संबंधों में स्थिरता, मजबूत डॉलर और ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीदों के बीच सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक मौका हो सकता है, लेकिन शॉर्ट टर्म के लिए बाजार में जोखिम बना हुआ है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से दी गई है। बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, इसलिए निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। KhabarNews24 आपको किसी प्रकार के निवेश की सलाह नहीं देता।