यह युद्ध की स्थिति न केवल सीमाओं पर तनाव बढ़ाएगी, बल्कि आम जनता की जेब पर भी असर डालेगी। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रास्ते पूरी तरह बंद हो जाते हैं, तो कई ज़रूरी चीज़ों की कीमतों में तेज़ी आ सकती है। खासतौर पर पाकिस्तान से आने वाली वस्तुएं जैसे सूखे मेवे, सेंधा नमक, और कपास भारत में महंगे हो सकते हैं। वहीं पाकिस्तान को भी बड़ा झटका लगेगा क्योंकि वह भारत से चाय, मसाले, और दवाएं जैसे उत्पाद मंगाता है। युद्ध की स्थिति में आम जीवन पर सीधा आर्थिक प्रभाव दिख सकता है, जो महंगाई को और बढ़ा देगा।

युद्ध का असर रोज़मर्रा की चीज़ों पर
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो इसका सीधा असर आम लोगों की ज़िंदगी पर पड़ेगा। पाकिस्तान से आयात होने वाले सामान जैसे तरबूज, सीमेंट, कपास, और मुल्तानी मिट्टी की आपूर्ति रुक सकती है। इससे इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि भारत इन वस्तुओं पर पूरी तरह निर्भर नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ अस्थायी महंगाई देखी जा सकती है।
पाकिस्तान को होगा बड़ा आर्थिक नुकसान
अगर युद्ध होता है तो पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि वह पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। वहां महंगाई पहले ही उच्च स्तर पर है और विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है। भारत से कई जरूरी वस्तुएं जैसे फल, चाय, मसाले, प्लास्टिक, दवाएं और मोटर पार्ट्स पाकिस्तान में निर्यात होती हैं। युद्ध के कारण यह आपूर्ति रुक सकती है, जिससे पाकिस्तान में इन चीज़ों की कीमतें कई गुना बढ़ सकती हैं।
पहले भी गिर चुका है व्यापार
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200% टैक्स लगा दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार काफी घट गया था। 2018–19 में व्यापार जहां 4,370 करोड़ था, वह 2019–20 में घटकर 2,772 करोड़ रह गया। युद्ध की स्थिति में केवल आयात नहीं, बल्कि हर वस्तु की कीमत बढ़ सकती है, क्योंकि परिवहन और आपूर्ति दोनों महंगे हो जाते हैं।