GDP growth India: सरकार द्वारा 30 मई 2025 को जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही। यह महामारी के बाद की सबसे धीमी वार्षिक वृद्धि दर है। हालांकि वर्ष की अंतिम तिमाही (Q4) में 7.4% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पूरे वर्ष की सबसे तेज तिमाही वृद्धि थी, फिर भी यह पिछले साल की इसी तिमाही में दर्ज 8.4% की वृद्धि से कम रही।

भारत की जीडीपी वृद्धि 2024-25: एक विस्तृत विश्लेषण
उपभोग बढ़ा, पर पूंजी निवेश में आई गिरावट: क्या भारत की वृद्धि टिकाऊ है?
तिमाही दरों का तुलनात्मक अवलोकन
तिमाही | 2023-24 की वृद्धि | 2024-25 की वृद्धि |
---|---|---|
Q1 | 7.8% | 6.2% |
Q2 | 8.1% | 7.2% |
Q3 | 6.5% | 6.4% |
Q4 | 8.4% | 7.4% |
कृषि बनी अर्थव्यवस्था की रीढ़
GDP growth India: वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि, पशुपालन, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र ने 4.6% की दर से वृद्धि की, जो पिछले वर्ष के 2.7% से कहीं बेहतर है। केवल Q4 में इस क्षेत्र की वृद्धि 5.4% रही, जो पिछले वर्ष की 0.9% की तुलना में काफी अधिक है।
विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट
विनिर्माण क्षेत्र ने Q4 में 4.8% की वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 11.3% थी। पूरे वित्त वर्ष में यह क्षेत्र 4.5% की दर से बढ़ा, जबकि 2023-24 में यह 12.3% था। इसका मतलब है कि यह क्षेत्र अभी भी स्थिरता की तलाश में है।
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निर्माण और सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन
GDP growth India: निर्माण क्षेत्र ने Q4 में 10.8% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की, जो पूरे वर्ष की सबसे तेज तिमाही वृद्धि रही। पूरे साल की वृद्धि 9.4% रही, जो पिछले साल की 10.4% से थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी उल्लेखनीय है।
सेवाओं (तृतीयक क्षेत्र) में Q4 की वृद्धि 7.3% रही, जो Q3 की 7.4% और Q2 की 7.2% के समान है। पूरे वर्ष में यह क्षेत्र 7.2% की दर से बढ़ा, जबकि पिछले वर्ष यह दर 9% थी।
उपभोग बढ़ा, निवेश घटा
GDP growth India: घर-परिवार के उपभोग को मापने वाले निजी अंतिम खपत व्यय (PFCE) में 2024-25 में 7.2% की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष की 5.6% से अधिक है। यह संकेत देता है कि लोग अब अधिक खर्च कर रहे हैं, जिससे मांग में वृद्धि हुई है।
हालांकि, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों द्वारा किए गए निवेश को मापने वाला ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (GFCF) 2024-25 में केवल 7.1% की दर से बढ़ा, जबकि 2023-24 में यह वृद्धि 8.8% थी। हालांकि Q4 में यह निवेश वृद्धि 9.4% रही, जो छह तिमाही में सबसे अधिक थी।
निष्कर्ष: उम्मीदें और चुनौतियां साथ-साथ
GDP growth India: भारत की अर्थव्यवस्था ने महामारी के बाद रिकवरी दिखाई है, लेकिन अब उसकी गति धीमी हो रही है। जहां कृषि और निर्माण क्षेत्र ने गति को संभाला है, वहीं विनिर्माण और सेवाओं की सुस्ती चिंता का विषय है। घरेलू उपभोग में सुधार हुआ है, लेकिन पूंजी निवेश में गिरावट संभावित जोखिम का संकेत देती है।
भारत ने वैश्विक मंदी के माहौल में भी अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अगले कुछ वर्षों में सतत और संतुलित विकास बनाए रखने के लिए संरचनात्मक सुधार और नीति स्थिरता अत्यंत आवश्यक होंगी।