S Jaishankar Visit to Netherland: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार, 19 मई 2025 को नीदरलैंड की राजधानी द हेग में डच विदेश मंत्री कास्पर वेल्डकैंप से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने और यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा की।

एस. जयशंकर की नीदरलैंड यात्रा: द्विपक्षीय सहयोग और आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस को मिला समर्थन
यह बैठक जयशंकर की तीन देशों की यात्रा की पहली कड़ी है, जिसमें वे नीदरलैंड के बाद डेनमार्क और जर्मनी भी जाएंगे।
आतंकवाद पर डच समर्थन की सराहना
एस. जयशंकर ने इस दौरान नीदरलैंड सरकार द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति का समर्थन करने के लिए विशेष धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और स्पष्ट रुख आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
नीदरलैंड का यह रुख भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब देश वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे को लगातार उठा रहा है।
व्यापार, तकनीक और जलवायु पर चर्चा
बैठक में भारत और नीदरलैंड के बीच व्यापार, निवेश, डिजिटल तकनीक, जल प्रबंधन, कृषि और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में चल रहे संयुक्त कार्यक्रमों को गति देने और नई परियोजनाओं पर काम शुरू करने पर सहमति जताई।
भारत ने नीदरलैंड की जल प्रबंधन तकनीकों की भी सराहना की, जो भारत जैसे विकासशील देश के लिए बेहद उपयोगी हो सकती हैं। दोनों देशों ने यह भी माना कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तकनीकी सहयोग और अनुसंधान की साझेदारी बेहद जरूरी है।
यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों पर विचार
डच विदेश मंत्री कास्पर वेल्डकैंप और जयशंकर के बीच यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। नीदरलैंड यूरोपीय संघ का एक प्रभावशाली सदस्य देश है, और उसकी भूमिका भारत-ईयू संबंधों को दिशा देने में अहम हो सकती है।
दोनों नेताओं ने भारत-ईयू व्यापार समझौते और निवेश सहयोग को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और इसे शीघ्र अंतिम रूप देने की इच्छा जताई।
सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग को मिलेगा बढ़ावा
जयशंकर ने इस दौरान नीदरलैंड में भारतीय प्रवासियों के योगदान की भी सराहना की और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक आदान-प्रदान को और मजबूती देने की बात कही। यह पहल विशेष रूप से छात्रों और शोधकर्ताओं को लाभ पहुंचा सकती है।
निष्कर्ष
एस. जयशंकर की नीदरलैंड यात्रा से यह स्पष्ट है कि भारत अपने रणनीतिक सहयोगियों के साथ संबंधों को नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। नीदरलैंड जैसे देश के साथ बढ़ता सहयोग न सिर्फ आर्थिक, तकनीकी और पर्यावरणीय क्षेत्रों में लाभकारी है, बल्कि यह वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करता है।
आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख और द्विपक्षीय साझेदारी को लेकर यह बैठक आने वाले समय में भारत-नीदरलैंड संबंधों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।